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कानपुर

स्टाफ नर्स ने सीएचसी इंचार्ज पर लगाये गंभीर आरोप, नर्स ने जब ये कहा तो स्वास्थ्य कर्मियों में मचा हड़कंप

एक महिला नर्स ने आरोप लगाया है कि उससे विभाग के अधिकारियों द्वारा घूस मांगी जा रही है और जब उस महिला नर्स ने रिश्वत नहीं दी तो उसका ट्रांसफर कर दिया गया।

कानपुरMar 17, 2019 / 10:56 pm

Arvind Kumar Verma

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स्टाफ नर्स ने सीएचसी इंचार्ज पर लगाये गंभीर आरोप, नर्स ने जब ये कहा तो स्वास्थ्य कर्मियों में मचा हड़कंप

कानपुर देहात-जनपद में स्वास्थ्य विभाग में तैनात एक महिला नर्स ने आरोप लगाया है कि उससे विभाग के अधिकारियों द्वारा घूस मांगी जा रही है और जब उस महिला नर्स ने रिश्वत नहीं दी तो उसका ट्रांसफर कर दिया गया। उसका आरोप है कि उसे तमाम तरीके से प्रताड़ित किया गया। जब महिला नर्स इंसाफ की आस में ज़िले के मुख्य चिकित्साधिकारी के ऑफिस आयी और न्याय की गुहार लगायी तो सीएमओ कार्यालय में भी उससे रिश्वत की मांग की गयी। यहां सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि सूबे में आचार सहिंता लगने के बाद सीएमओ ने मनमाने तरीके से कैसे ट्रांसफर कर दिया। फिलहाल अब उसे न्याय की आस सिर्फ भगवान से है।
महिला नर्स ने लगाए ऐसे आरोप

इसके बाद महिला नर्स शशि ज़िले के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में पहुंची, जहां उसने न्याय की गुहार लगाई लेकिन वहां भी कुछ हासिल नही हुआ। बताया गया कि नर्स शशि को अभी हाल ही में सहारनपुर ज़िले से ट्रांसफर कर कानपुर देहात ज़िले के हवासपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तैनाती दी गयी है। महिला नर्स का आरोप है कि हवासपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के इंचार्ज डाक्टर सिद्धार्थ वर्मा महिला नर्स शशि से 50 हज़ार रुपये रिश्वत मांग रहे हैं और जब शशि ने 50 हज़ार रिश्वत देने से इंकार कर दिया तो इंचार्ज डाक्टर सिद्धार्थ वर्मा ने शशि को हवासपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से रिलीफ कर दिया और कहा कि सीएमओ कार्यालय से अटैच रहो। जिसके बाद महिला नर्स बदहवास हालात में रोते बिलखते सीएमओ कार्यालय आयी और सीएमओ हीरा सिंह से न्याय की आस लगायी। यहां भी सीएमओ कार्यालय में तैनात बाबू ने 30 हज़ार रुपये की रिश्वत की फरमाइश कर दी। पीड़ित महिला नर्स शशि की माने तो सहारनपुर से ट्रांसफर के बाद उसने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हवासपुर ज्वाइन कर लिया और छुट्टी लेकर सहारनपुर सामान लेने चली गयी। बावजूद इसके उसे अनुपस्थित दिखाया गया।
सीएमओ ने आरोप खारिज करते हुए कहा कि

बड़ी मशक्कत के बाद रहने के लिए कमरा किराए पर मिला तो उसका ट्रांसफर कर दिया गया। जबकि प्रदेश में आचार संहिता लागू हो चुकी है। जबकि अब ट्रांसफर पोस्टिंग चुनाव आयोग ही कर सकता है, बावजूद इसके सीएमओ हीरा सिंह ने महिला नर्स शशि का ट्रांसफर कर दिया। फिलहाल महिला नर्स शशि नाउम्मीद है और न्याय के लिए भटक रही है। वहीं ज़िले के मुख्य चिकित्साधिकारी ने महिला नर्स के आरोपो को सिरे से खारिज कर दिया है। उनकी माने तो महिला नर्स ड्यूटी ईमानदारी से नहीं करती है। आये दिन अनुपस्थित रहती है। पूरे महीने में 9 दिन काम किया है, इसलिए इन्हें तनख्वाह भी 9 दिन की ही दी जाएगीं। अगर महिला नर्स को कोई शिकायत है तो लिखित दे, जांच कराई जाएगी। अपने ऊपर लगे आरोप को लेकर उन्होंने कहा कि ये सब आरोप बेबुनियाद हैं।
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