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विरोधी दलों के आरोप निराधार, संतों के पैसे से अयोध्या हुई जगमग : केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री

locationकानपुरPublished: Oct 23, 2017 10:35:34 am

भारत सरकार के वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल रविवार को एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कानपुर पहुंचें।

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कानपुर. भारत सरकार के वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल रविवार को एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कानपुर पहुंचें। यहां मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि योगी सरकार आने के बाद पहली बार उदास अयोध्या के चेहरे में मुस्कान आई, जो विरोधियों को नहीं भा रही। वो अरोप लगा रहे हैं कि सरकार के पैसे से श्रीराम के जन्मस्थली में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जो सरासर गलत है। रामजन्म भूमि पर संतों और वहां के लोगों ने पूरा खर्चा वाहन किया है। इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। भगवान राम 125 करोड़ लोगों की आस्था हैं और इसी के चलते ऐसे प्रोग्राम होते रहना चाहिए।


श्रीराम पर विरोधी कर रहे हैं राजनीति


केंद्रीय वित्तराज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए शहर पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार दिवाली पर्व में अयोध्या जगमग हुई। अयोध्या की पहचान देश-विदेश में हुई, जो हमारे विरोधी दलों के नेताओं को नहीं पच रही। वो भगवान राम के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। अयोध्या की दिवाली पर यूपी सरकार का एक पैसा नहीं लगा, पूरा खर्चा यहां के संतों और लोगों ने उठाया है। विरोधी दल के नेताओं को सीएम योगी आदित्यनाथ की अयोध्या वाली दिवाली भा नहीं रही। मोदी और योगी सरकार सबका साथ, सबका विकास पर काम कर रही है। पहले एक समुदाय व खास वर्ग के लोगों के त्योहारों पर सरकारें काम करती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।


जीएसटी पर समस्या आए तो हमसे करें बात


मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने जीएसटी पर कहा कि उत्तर प्रदेश में जीएसटी के अलावा एक और कर लग रहा है जो मंडी का टैक्स है। इसके अलावा अगर कही कोई और कर लग रहा है तो उसकी जानकारी हमको दीजियेख् उस पर सरकार आपका निराकरण करेगी। मंत्री ने कहा जीएसटी ग्राहकों के साथ ही और व्यापारियों के लिए लाभकारी है। अब व्यापारियों को पूरे देश में एक टैक्स देना होता है। पहले अगर आप दिल्ली से कोई सामान लेकर कानपुर आते थे तो कई टैक्स वसूला जाता है। जीएसटी लागू हो जाने के बाद अब एक टैक्स पूरे देश में लागू हो गया है। विरोधी दलों के नेताओं के पास कोई मुद्दा नहीं होने के चलते वो मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए नोटबंदी और जीएसटी के नाम पर लोगों को गुमरह कर रहे हैं।


ताजमहल भारत को धरोहर


ताजमहल के सवाल पर उन्होने कहा कि ताजमहल सांस्कृतिक धरोहर है। इस पर किसी को गलत बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। ताजमहल की पूरे वर्ल्ड में अगल पहचान है। लाखों पर्यटक इसके दीदार के लिए आते हैं। इसे भारतीय लोगों ने अपने खून-पसीने से तैयार किया है और ये हिन्दुस्तान की धरोहर है। जन प्रतिनिघियों का अधिकारियों द्वारा यथोचित सम्मान किये जाने के प्रोटोकाल के सवाल पर बोलते हुये कहा कि ये कोई सवाल नहीं है। ये एक पुरानी परम्परा है जिसके चलते मुख्यमंत्री ने ये आदेश किया है। इसमें कोई नई बात नहीं है। हर सरकार में इस तरह का आदेश होता रहा है। जनप्रतिनिधि जनता के जरिए चुने जाते हैं। इस लिए ये अफसरों का दायित्व बनता है कि उन्हें सम्मान दें। कुछ अफसर इस परंपरा का निर्वाह नहीं कर रहे थे।

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