दो बार जीती सवर्ण बहुल सीट
भाजपा प्रत्याशी सत्यदेव पचौरी की जीत होते ही गोविंदनगर विधानसभा क्षेत्र से उनके उत्तराधिकारी को लेकर पार्टीजनों में कयास का दौर शुरू हो गया। सवर्ण बहुल वाली इस सीट पर पचौरी 2017 में दूसरी बार विधायक चुने गए थे। फिलहाल वह प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। इस सीट पर पार्टी में कई दावेदार हैं। पार्टी इस सीट पर सवर्ण प्रत्याशी पर ही दांव लगा सकती है।
भाजपा प्रत्याशी सत्यदेव पचौरी की जीत होते ही गोविंदनगर विधानसभा क्षेत्र से उनके उत्तराधिकारी को लेकर पार्टीजनों में कयास का दौर शुरू हो गया। सवर्ण बहुल वाली इस सीट पर पचौरी 2017 में दूसरी बार विधायक चुने गए थे। फिलहाल वह प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। इस सीट पर पार्टी में कई दावेदार हैं। पार्टी इस सीट पर सवर्ण प्रत्याशी पर ही दांव लगा सकती है।
जिलाध्यक्ष भी लाइन में
गोविंदनगर से भाजपा के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी, पूर्व विधायक नीरज चतुर्वेदी भी टिकट की ख्वाइश रखते हैं। इस सीट के लिए होड़ इस कारण है कि यहां भाजपा के वरिष्ठ नेता बालचंद्र मिश्र जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। गुरुवार को चुनाव नतीजे आते ही इस सीट पर टिकट चाहने की चहलकदमी तो शुरू हुई ही है, साथ ही संगठन के लोग भी सही कंडीडेट भी तलाशने का काम कर रहे हैं। सत्यदेव पचौरी की बेटी नीतू सिंह, उनके बेटे अनूप पचौरी के नाम पर भी पार्टीजनों के बीच चर्चा होनी शुरू हो गई।
गोविंदनगर से भाजपा के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी, पूर्व विधायक नीरज चतुर्वेदी भी टिकट की ख्वाइश रखते हैं। इस सीट के लिए होड़ इस कारण है कि यहां भाजपा के वरिष्ठ नेता बालचंद्र मिश्र जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। गुरुवार को चुनाव नतीजे आते ही इस सीट पर टिकट चाहने की चहलकदमी तो शुरू हुई ही है, साथ ही संगठन के लोग भी सही कंडीडेट भी तलाशने का काम कर रहे हैं। सत्यदेव पचौरी की बेटी नीतू सिंह, उनके बेटे अनूप पचौरी के नाम पर भी पार्टीजनों के बीच चर्चा होनी शुरू हो गई।
दूसरे दलों के नेता भी लाइन में
पार्टी के अलावा दूसरे दलों के नेता भी इस सीट पर दावेदारी कर सकते हैं। लंबे समय तक हाथी की सवारी करने वाले निर्मल तिवारी ने लोकसभा चुनाव के दौरान ही भाजपा की सदस्यता ली थी। वह कल्याणपुर और गोविंदनगर से बसपा टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। यह दीगर बात है कि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वह कन्नौज संसदीय क्षेत्र से भी लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। निर्मल तिवारी इस सीट पर चुनाव लडऩे की लाइन में हैं। इसके अलावा कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय कपूर के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं लोकसभा चुनाव के दौरान ही थीं। सत्यदेव पचौरी को टिकट मिलने के बाद उनके नाम पर कयास लगना बंद हो गया था। अब यह सीट फिर खाली हो गई है। इस कारण चर्चा है कि अजय कपूर पार्टी की सदस्यता लेकर गोविंदनगर से प्रत्याशी हो सकते हैं।
पार्टी के अलावा दूसरे दलों के नेता भी इस सीट पर दावेदारी कर सकते हैं। लंबे समय तक हाथी की सवारी करने वाले निर्मल तिवारी ने लोकसभा चुनाव के दौरान ही भाजपा की सदस्यता ली थी। वह कल्याणपुर और गोविंदनगर से बसपा टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। यह दीगर बात है कि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वह कन्नौज संसदीय क्षेत्र से भी लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। निर्मल तिवारी इस सीट पर चुनाव लडऩे की लाइन में हैं। इसके अलावा कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय कपूर के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं लोकसभा चुनाव के दौरान ही थीं। सत्यदेव पचौरी को टिकट मिलने के बाद उनके नाम पर कयास लगना बंद हो गया था। अब यह सीट फिर खाली हो गई है। इस कारण चर्चा है कि अजय कपूर पार्टी की सदस्यता लेकर गोविंदनगर से प्रत्याशी हो सकते हैं।