कचहरी या उसके बाहर वकीलों और लोगों के बीच मारपीट की घटनाएं सामने आती रहती हैं। एक हफ्ते पहले किराएदारी के एक मामले में कचहरी पैरवी करने आए पिता-पुत्र को पीटा गया था। जिसमें वकीलों पर मारपीट का आरोप लगा था। बाद में उसे वरिष्ठ वकीलों ने समझाकर वापस कर दिया।
वकीलों के नाम पर अराजकतत्वों के कचहरी में सक्रिय होने की भी शिकायत आ रही है। फर्जी वकीलों के भी घूमने की शिकायत बार एसोसिएशन तक आ चुकी है। लगातार शिकायतों और आगरा में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश कुमारी की हत्या के चलते जिला कचहरी में सुरक्षा और वकीलों की छवि को लेकर मंथन शुरू हो गया है।
कानपुर बार एसोसिएशन और द लायर्स एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि मारपीट के मामले में अगर किसी वकील का नाम सामने आता है तो मामले को संज्ञान में लेकर तत्काल जांच की जाएगी। वकील दोषी मिला तो बार काउंसिल को सदस्यता निरस्त करने की संस्तुति की जाएगी। न्यायिक व प्रशासनिक अधिकारियों की समन्वय समिति फर्जी वकीलों पर नजर रखेगी।
कचहरी की सुरक्षा को लेकर भी तय किया है कि कोई भी व्यक्ति हथियार लेकर नहीं आएगा। वकीलों के संगठन भी इस पर नजर रखेंगे। एडीजे प्रथम रजत सिंह जैन की मौजूदगी में हुई बैठक में इस मामले को गंभीरता से लिया गया है। कानपुर बार एसोसिएशन के महामंत्री कपिल दीप का कहना है कि समन्वय समिति ने कई फैसले तय किए हैं। वकील या वादकारी दोनों की शिकायत की जाएगी। समन्वय समिति अचानक न्यायालय परिसर का निरीक्षण कर सकते हैं। वकीलों से ड्रेस पहनकर आने को कहा गया है। कोई भी मामले को गंभीरता से लिया जाएगा।