इस तरह ये बैंड करता है काम पार्थ ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लोग आवश्यक कार्यों से बाहर जाते हैं या कोई घर में आता है तो यह उपकरण आपको संक्रमण से सुरक्षित रख सकेगा। उन्होंने कहा कोई भी इंसान या यहां तक जानवर भी एक मीटर का दायरा काम करके आपके समीप पहुंचता है तो इसका सायरन आपको अलर्ट करेगा। आपको बता दें कि इससे पहले भी पार्थ ने पार्किसंस के मरीजों के लिए लेकर स्टिक बनाई थी। जिससे पार्किंसंस के मरीजों को राहत मिलती है। इस बाल आविष्कार के लिए पार्थ को तत्कालीन राष्ट्रपति से पुरस्कार मिला था। जिसके बाद वर्तमान राष्ट्रपति ने 26 जनवरी 2020 को दिल्ली बुलाकर पुरस्कार दिया है।
पार्थ के पिता ने बताई ख़ास बात उनके पिता संदीप बंसल ने बताया कि पार्थ वर्तमान में इंदिरापुरम ग़ाज़ियाबाद में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। लॉकडाउन में समय बिता रहे पार्थ ने हांथ मे पहनने वाला बैंड बनाया है, जिसमे सेंसर लगा है और इसको इस तरह से कंप्यूटर द्वारा प्रोग्राम किया है। जब इसको पहनने वाले के पास जब कोई अन्य व्यक्ति एक मीटर से कम दूरी पर आ जाता है तो अलार्म बज जाता है जिससे वो व्यक्ति और आसपास के लोगों को भी संदेश जाता है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक निश्चित दूरी बना कर रखी जाए। फिलहाल अभी पार्थ एक तरह का छातानुमा फुल बॉडी सेनेटाइजर उपकरण बनाने में लगे हैं, जिससे घर या अपार्टमेंट के मेन दरवाजे पर लगाया जा सकता है और कोई भी बाहरी व्यक्ति जब प्रवेश करे तो स्वतः छाते से स्प्रे रूप में सेनेटाइजर पूरे शरीर मे गिरकर उस व्यक्ति को संक्रमण मुक्त कर देगा।