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मुख्यमंत्री जी फॉगिंग का नहीं अता-पता, डेंगू के कहर से कानपुर खौफजदा

locationकानपुरPublished: Oct 26, 2018 12:44:19 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

320 से ज्यादा मरीजों को डेंगू की पुष्टि, दो दिन पहले एक बच्चे को बवानी पड़ी जान, नगर निगम अभी भी कागजों में चला रहा फॉगिंग

कानपुर। हर वर्ष मच्छरों के खत्में के लिए सरकार फॉगिंग के साथ ही अन्य उपकरणों के नाम पर लाखों रूपए नगरनिगम को देती है, पर कर्मचारी कागजों में ही मच्छरों को मारते रहते हैं। जिसका खामियाजा आजलोगों को भुगतना पड़ रहा है। कानपुर में डेंगू ने कहर से एक बच्चे की मौत हो गई, वहीं 320 से ज्यादा लोग इसके दंश का शिकार हो गए। शुक्रवार की सुबह हैलट व उर्सला ओपीडी में सैकड़ों मरीज इलाज के लिए लाइन पर लगे थे, तो वहीं अन्य प्राईवेट व सरकारी अस्पतालों में मरीजों का तांता लगा हुआ है।

बच्चे की हुई मौत
नगर निगम के पाले हुए मच्छर अब जानलेवा साबित हो रहे हैं। गुरूवार को डेंगू की चपेट में आने से कल्याणपुर निवासी छात्र रोहित (19) की मौत हो गई। उसे 19 अक्तूबर से बुखार आ रहा था। श्रम विभाग में तैनात पिता ने बताया कि बेटे को एक फिजीशियन को दिखाया, पर रात में हालत बिगड़ने लगी। 20 अक्तूबर को उसे स्वरूपगनर स्थित नर्सिंगहोम में भर्ती कराया। जहां उसे डेंगू की पुष्टि हुई। यहां आराम मिलने के बजाय उसके फेफड़े, लिवर, किडनी भी प्रभावित होने लगे जिससे उसकी बुधवार रात मौत हो गई। छात्र 12 वीं पास करने के बाद सीपीएमटी की तैयारी कर रहा था। इस साल अब तक शहर में 320 मरीजों को डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। लेकिन नगर निगम की लापरवाही से फॉगिंग का अता-पता नहीं है। फॉगिंग न होने का ही नतीजा है कि शहर में डेंगू पैर पसारता जा रहा है।

320 के पार पहुंची मरीजों की संख्या
डेंगू का चौतरफा हमला शुरू हो गया है। कानपुर शहर के अलावा आसपास के जिलों में डेंगू रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के अनुसार जीएसवीएम मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलॉजी वभाग में इस साल डेंगू जैसे लक्षणों वाले 458 मरीजों के खून के नमूनों की जांच हुई। इनमें से 318 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। 137 मरीज नगर जिले के और 181 मरीज अन्य जिलों के हैं। इनके अलावा लखनऊ में हुई जांच में भी यहां के दो मरीजों को डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। इस प्रकार मरीजों की संख्या बढ़कर 320 हो गई है।

हैलट में डेंगू पीड़ितों की संख्या में इजाफा
मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर कालेज की प्राचार्य डॉक्टर आरती लालचंदानी ने हैलट इमरजेंसी का निरीक्षण किया और आईसीयू के सभी बेड के उपकरण दुरुस्त करने के निर्देश दिए। हैलट अस्पताल में तेज बुखार, कम प्लेटलेट्स, सांस फूलने की शिकायत लेकर आने वाले रोगियों का सिलसिला थम नहीं रहा है। इसके साथ ही बालरोग विभाग में भी मिश्रित वायरल संक्रमण के रोगी आ रहे हैं। बाल रोगियों में तेज बुखार, उल्टी दस्त और सांस फूलने के लक्षण पाए जा रहे हैं। शिशुओं की हालत गंभीर होती जा रही है। प्राचार्य डॉ. लालचंदानी ने बताया कि आईसीयू के वेंटिलेटर दुरुस्त करा दिए गए हैं। रोगियों को इलाज में दिक्कत नहीं आएगी।

डेंगू वायरस फैलने की बड़ी वजह
हैलट विभाग के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर विकास गुप्ता ने बताया कि एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है। डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि डेंगू तीन प्रकार के होते हैं। इनमें पहला क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार, दूसरा डेंगू हैमरेजिक बुखार, और तीसरा डेंगू शॉक सिंड्रोम होता है। समय पर जांच के बाद इलाज हो जाए तो मरीज ठीक हो जाता है।

ये हैं डूंगू के लक्षण
डॉक्टर विकास गुप्ता ने बताया कि, तेज ठंड लगकर बुखार का चड़ना डेंगू का लक्षण है। डेंगू मच्छर के काटने के 3 से 14 दिन के अंदर इसका असर दिखता है। सिर और आंखों में दर्द होता है। शरीर में जकड़न महसूस होना। जोड़ों में बहुत दर्द होना। हड्डियों में दर्द महसूस होना। उलटी होना। पेट खराब होना। शरीर पर लाल धब्बे पड़ जाना। शरीर में कमजोरी महसूस होना। ये प्रमुख लक्षण हैं। अगर डेंगू की समय से जांच के बाद इलाज हो जाए तो मरीज ठीक हो जाता है। डॉक्टर गुप्ता ने लोगों को सलाह दी है कि बुखार आते ही नजदीक के अच्छे डॉक्टर के पास जांच करवाएं और समय से दवा लें।

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