scriptखुशखबरी: अब डिग्री के लिए यूनिवर्सिटी जाने की जरूरत नहीं, कॉलेज से ही मिलेगी | Students will get degree in CSJMU colleges only | Patrika News

खुशखबरी: अब डिग्री के लिए यूनिवर्सिटी जाने की जरूरत नहीं, कॉलेज से ही मिलेगी

locationकानपुरPublished: Oct 12, 2019 02:26:18 pm

300 रुपये कम हुई फीस, कागज की क्वालिटी भी होगी बेहतर
दीक्षांत के बाद छात्र अपने कॉलेज से ही पा सकेंगे डिग्री

खुशखबरी: अब डिग्री के लिए यूनिवर्सिटी जाने की जरूरत नहीं, कॉलेज से ही मिलेगी

खुशखबरी: अब डिग्री के लिए यूनिवर्सिटी जाने की जरूरत नहीं, कॉलेज से ही मिलेगी

कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत अब स्नातक या परास्नातक की डिग्री के लिए छात्रों को विश्वविद्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे। छात्रों को डिग्री उनके ही कॉलेज से मिलेगी। एक सहूलियत और दी गई है कि अब डिग्री के लिए ८०० की जगह ५०० रुपए फीस ही देनी होगी। यह भी फैसला लिया गया है कि डिग्री जिस कागज पर प्रिंट की जा रही है उसे और बेहतर किया जाएगा।
११ जिलों में फैला है सीएसजेएमयू का दायरा
सीएसजेएमयू का दायरा 11 जिलों तक फैला है। इससे छात्रों को डिग्री के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। हालांकि विवि प्रशासन ने ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया कर कुछ राहत दी थी। मगर डिग्री के लिए छात्रों को विवि तक दौड़ लगानी पड़ती है। अब सभी छात्रों को डिग्री के लिए यूनिवर्सिटी आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डिग्रियां उनके कॉलेज से ही दी जाएंगी। इसे इसी सत्र से लागू कर दिया जाएगा। दीक्षांत होते ही छात्र अपने कॉलेज से डिग्री प्राप्त कर सकेंगे।
डिग्री शुल्क में भी कटौती
विवि प्रशासन ने डिग्री शुल्क 800 से घटाकर 400 रुपए करने की बात कही। सभी सदस्यों के विचार के बाद डिग्री शुल्क 500 रुपए तय किया गया। यह शुल्क छात्रों के अंतिम वर्ष में परीक्षा शुल्क के साथ लिया जाएगा। मतलब स्नातक के छात्र को तृतीय वर्ष में और परास्नातक के छात्र को द्वितीय वर्ष में परीक्षा शुल्क के साथ डिग्री का 500 रुपए शुल्क जमा करना होगा।
बिना साक्षात्कार के मिलेगा कुलाधिपति स्वर्ण पदक
कुलाधिपति स्वर्ण पदक के लिए अब छात्र को साक्षात्कार नहीं देना होगा। सर्वोच्च अंक लाने वाले छात्र या छात्रा को ही यह पदक मिलेगा। सीएसजेएमयू की परीक्षा समिति में यह फैसला लिया गया है। अभी तक दीक्षांत में अंकों के आधार पर कुलाधिपति कांस्य पदक, कुलपति स्वर्ण पदक, प्रायोजित स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले मेधावियों का चयन किया जाता था। कुलाधपित स्वर्ण पदक और दो कुलाधिपति रजत पदक के लिए मेधावियों को साक्षात्कार का सामना करना पड़ता था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो