कानपुर

ग्राम प्रधान और सचिव का ऐसा मामला आया सामने, सीडीओ ने डीपीआरओ को सौंपी जांच

मुख्य विकास अधिकारी ने जांच जिला पंचायतराज अधिकारी को दी है।

कानपुरFeb 01, 2021 / 04:55 pm

Arvind Kumar Verma

ग्राम प्रधान और सचिव का ऐसा मामला आया सामने, सीडीओ ने डीपीआरओ को सौंपी जांच

कानपुर देहात-सूबे के मुखिया एक तरफ भृष्टाचार को लेकर सख्त नज़र आ रहे हैं। वहीं कानपुर देहात जिले के एक गांव के प्रधान औऱ सचिव का अनोखा खेल सामने आया है कि कैसे जिलाधिकारी की बिना स्वीकृति के 28 लाख की गांव में दुकानें बनाकर रुपए भी निकाल लिए। जबकि दुकानें अभी भी अधूरी पड़ी हुई है। जिसकी जांच अब मुख्य विकास अधिकारी ने जिला पंचायतराज अधिकारी को दी है। ग्राम पंचायत के प्रधानों के 25 दिसम्बर को कार्यकाल पूरे हो चुके हैं। ऐसे में इन पांच सालों में ग्राम सभा मे कराए गए विकास कार्यो की जांच उच्चाधिकारियों ने शुरू की तो एक के बाद एक कई गांव भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े हुए हैं।
ऐसा ही एक ग्राम सभा के गांव डिलवल का है, जहां प्रधान औऱ प्रधान सचिव ने मिलकर गांव में विकास कार्य को छोड़ गांव में 28 लाख की दुकानें बनवा डाली। जिसकी स्वीकृति न ही जिलाधिकारी से ली और न ही मुख्य विकास अधिकारियों से ली। सबसे बड़ी बात यह है कि इतनी बड़ी रकम अधूरे पड़े निर्माण से पहले ही निकलवा ली गई। जब इस बात की जानकारी जिले के उच्चाधिकारियों को लगी तो उन्होंने इस कि जांच जिला पंचायती राज अधिकारी को सौप दी।
वहीं जब इस मामले को लेकर प्रधान पुत्र अश्वनी चौबे से बात की तो बताया कि मेरे पीछे मेरे विरोधी पड़े हुए हैं। मैने किसी काम को गलत तरीके से नहीं किया है। गांव के विकास को लेकर ही काम कराया है। इस काम के लिए मैंने अलग-अलग दुकानें बनवाई हैं। अगर एक काम को करते हैं। तब जिलाधिकारी से अनुमति ली जाती है। इस मामले को लेकर मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पांडे ने कहा कि इस मामले की जांच (जिला पंचायती राज अधिकारी) डीपीआरओ को दी गई है, जिसकी जांच चल रही है।
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