दरअसल कानपुर देहात की झींझक रेलवे क्रासिंग बंद होने पर जाम की स्थिति बन जाती है। रोजाना की तरह बीती दोपहर भी झींझक रेलवे फाटक पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी थी। स्टेशन मास्टर झींझक राजेंद्र मीणा की अनुमति पर गेटमैन राहुल पाल ने दोपहर साढ़े 12 बजे गेट खोला। गेट खुलते ही पहले निकलने के चक्कर में दोनों तरफ से एक साथ कई दोपहिया व चार पहिया वाहन पटरियों पर पहुंच गए और जाम जैसे हालात बन गए। कुछ वाहन ही क्रास हो सके थे, तभी कानपुर की तरफ जाने वाली जोगबनी एक्सप्रेस आ गई। ट्रेन आती देख क्रासिग पर फंसे वाहन सवारों में चीख-पुकार मच गई।
लोग वाहन छोड़कर भागने लगे। उधर लोको पायलट ने सिग्नल लाल देखा तो ट्रेन को डाउन आउटर सिग्नल के पास 12:40 बजे रोक दिया। गेटमैन ने गेट पर ड्यूटी पर मौजूद पीआरडी के जवानों की मदद से पटरियों पर फंसे वाहनों को हटवाकर 12:49 बजे गेट बंद किया। इसके बाद 12:50 बजे ट्रेन को रवाना किया जा सका। इस बीच 10 मिनट तक ट्रेन खड़ी रही। पटरियों पर फंसे वाहनों सवारों ने बताया कि फाटक पर रोजाना लगने वाले जाम ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। फाटक पर ओवरब्रिज जरूरी है। स्टेशन मास्टर ने बताया कि जाम के कारण फाटक बंद न हो पाने पर 10 मिनट तक ट्रेन को रोकना पड़ा।