स्वास्थ्य विभाग की टीमों को देखकर लोग मुंह फेर लेते हैं। लोग अपनी मामूली जानकारी टीमों को नहीं दे रहे हैं। इसके अलावा प्रपत्र भरने, मोबाइल नंबर आदि देने से भी इंकार कर दे रहे हैं। इससे टीमें परेशान हैं। टीमों ने अपनी समस्या सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला को भी बताई है। टीमों में आशा कार्यकर्ता, एएनएम और स्वास्थ्य विभाग के दूसरे कर्मचारी शामिल हैं। कोरोना पॉजिटिव निकलने वाले जमाती किन-किन क्षेत्रों के मोहल्लों में गए हैं और किस-किस से मिले हैं। इसका ब्यौरा स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में कोरोना की चेन पकडऩे में समस्या हो सकती है।
रेड जोन घोषित हो चुके इन मोहल्लों में लोगों के इस रवैये के चलते तय किया गया है कि इन क्षेत्रों के सभी घरों का सर्वे कराया जाएगा। हर सदस्य की सेहत की जांच की जाएगी। जुकाम, बुखार, खांसी, जकडऩ आदि की शिकायत होने पर इलाज किया जाएगा। इसके लिए प्रपत्र भराया जाना है। इसमें परिवार के मुखिया का नाम, मोबाइल नंबर, बीमार सदस्य का नाम आदि डिटेल भरी जानी है। इसी बात से लोग बिदक जा रहे हैं। उन्हें शक है कि यह ब्यौरा एनआरसी, एनपीआर के लिए न इस्तेमाल कर लिया जाए।