कमलेश चौरसिया जनपद उन्नाव के पाटन के रहने वाले थे, जो कि कार चालक थे। वर्तमान में वह अपने परिवार पत्नी शांति समेत दो बेटे दीपक, आशू और बेटी नेहा के साथ जाजमऊ जेके चौराहे के पास किराए के मकान में रहते थे। परिजनों ने बताया कि कमलेश रिश्ते में लगने वाले मामा रामप्रसाद चौरसिया की कार चलाते थे। रक्षाबंधन के दिन रविवार को रामप्रसाद की बेटियां स्वप्निल और ज्योत्सना घर आई थीं।
शाम को करीब छह बजे कमलेश ज्योत्सना को लखनऊ छोड़ने के लिये कानपुर से निकला। मगर उसके बाद से वह वापस नहीं लौटे थे। वहीं सोमवार रात करीब नौ बजे पुलिस को कालीबाड़ी मंदिर के पास शव मिला। समीप ही कार भी आगे के हिस्से की तरफ क्षतिग्रस्त मिली है। एडीसीपी पूर्वी सोमेंद्र मीणा ने बताया कि परिजनों ने जो शक जताया है, उस आधार पर तहकीकात जारी है। एफआईआर भी दर्ज की जा रही है।