दरअसल भाजपा ने शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए यूपी सरकार की कैबिनेट मंत्री रहीं कमलरानी वरुण की बेटी स्वप्निल वरुण को टिकट दिया। इसके बाद पार्टी के अंदर टिकट की खींचतान पर विराम लग गया था। हालांकि भाजपा से टिकट को लेकर राजा दिवाकर भी दावेदारी कर रहे थे। गुरुवार को पंचायत चुनाव प्रभारी विजय बहादुर कानपुर थे। उस रात राजा दिवाकर के समर्थकों से मिले। मगर राजा की हट को लेकर खींचातानी चलती रही, लेकिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हस्तक्षेप किया था। इसके बाद शनिवार सुबह पार्टी ने स्वप्निल वरुण को प्रत्याशी घोषित किया। वहीं कुछ घंटे बाद नामांकन के लिए सभी को निकलना था।
इस बीच विजय बहादुर पाठक 16 जिला पंचायत सदस्यों के साथ पहुंचे। इसमें नौ भाजपा, छह निर्दलीय और एक निषाद पार्टी का सदस्य था। उन्हें सीधे पार्टी कार्यालय में ऊपर ले जाकर बिठाया गया। इनके साथ औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार, सभी विधायक व एमएलसी और तीनों जिलाध्यक्ष रहे। अब पार्टी को जीत के लिए एक और सदस्य की जरूरत है। अंतिम मौके पर राजा दिवाकर को भी प्रस्तावक बनाया गया। हालांकि सभी नामांकन फार्म पर अलग-अलग प्रस्तावक और अनुमोदक बनाए गए।