हाल ही हुए पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election) में जिला पंचायत चुनाव जीतने के बाद से ही स्वप्निल वरुण जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी में थीं। कानपुर नगर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इसलिए यहां से राजा दिवाकर भी दावेदार माने जा रहे थे। इसके चलते पार्टी के अंदरखाने में जिला पंचायत अध्यक्ष पद की टिकट के लिए दोनों के समर्थकों में खासी खींचतान थी। वहीं गुरुवार रात से शुक्रवार शाम तक चली मंथन में लखनऊ से आए प्रभारी विजय बहादुर पाठक कोई निर्णय नहीं ले सके थे। जिसके बाद शुक्रवार को कानपुर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप किया।
उन्होंने प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री से कहा था कि जिताऊ प्रत्याशी को चुनें और जिताकर लाएं। इस पर शनिवार सुबह स्वप्निल वरुण को प्रत्याशी घोषित किया गया और आज ही नामांकन भी होना है। स्वप्निल वरुण की मां कमलरानी वरुण ने भी राजनीतिक शुरुवात स्थानीय निकाय में पार्षद निर्वाचित होकर की थी। फिर वो सफलता के पायदान पर चढ़ती गईं और बाद में वह सांसद और विधायक भी बनीं। विधायक बनने के बाद वह प्रदेश में कैबिनेट मंत्री भी बनीं थीं। स्वप्निल वरुण ने कहा कि सबसे पहले वो क्षेत्र की पेयजल की समस्याओं को दूर करेंगी।