कोरोना महामारी के बीच गली, मोहल्ले, कस्बे और गांव में झाड़ू लेकर डटे रहने वाले 35 सफाईकर्मियों को रेलबाजार थानाक्षेत्र स्थित एक समाजसेवी संगठन ने सम्मानित किया। इस आयोजन की सबसे खास बात यह रही कि यंहा पर सोशल डिस्टेन्स का पूरा ध्यान रखा गया । सभी सफाई कर्मचारियों को एक मीटर के सर्किल में खड़ा करने के बाद उनको सम्मानित किया गया। इस मौके पर महिला सफाईकर्मी ने बताया कि इस वक्त कोरोना महामारी तेजी से पांव पसार रही है। हमें उन इलाकों में जाना पड़ रहा हैं, जहां से वायरस के संदिग्ध मरीज पाए गए। बिना थके और डरे में सुबह से लेकर शाम तक साफ-सफाई करते हैं।
आयोजक राजेश सिंह बताते हैं कि लॉकडाउन के चलते लोग घरों में हैं, वहीं सफाई कर्मचारी शहर को साफ सुथरा करके कोरोना वायरस के खतरे को कम करने में जुटे हैं। आवश्यक सेवाओं में शामिल सफाई कर्मचारियों का धन्यवाद केवल आम आदमी ही नही बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैै। निश्चित तौर पर संक्रमण की शुरूआत गंदगी से शुरू होती है और इस गंदगी को साफ कर इस समाज को स्वास्थ्य रखने में सबसे पहली भूमिका हमारे सफाई कर्मी निभा रहे हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में एक योद्धा की तरह से कार्य कर सफाईकर्मियों को हमनें सम्मानित करने का निर्णय लिया।
सफाईकर्मी प्रेम बताते हैं कानपुर क्या पूरी दुनिया परेशान है। हमारा शहर बेहतर है। हम सफाई अभियान को अपने घर की सफाई की तरह ले रहे है। परेशानी जरूर हो रही है लेकिन आत्म संतुष्टि भी मिल रही है। हम जनता से सहयोग ले रहे है। जनता फिलहाल कूड़ा फेकने की जगह हमारे सफाई कर्मियों की ट्रालियों पर डाल रही है। सड़कों में कचरा कुछ कम है लेकिन नालियों की सफाई उसी गति से करनी पड़ रही है। जबकि दूसरे सुपरवाइजर राजेश यादव कहते है कि कोरोना वायरस की खबर के बाद तो मानों हमारे सफाई कर्मी स्वतः सक्रिय हो गए है। सुबह निर्धारित समय से दस मिनट पहले ही पहुंचकर तनाव मुक्त कर देते है।
राजेश यादव बताते हैं कि देश की जनता के हित में जो जिम्मेदारी है, उसे निभाना हमारा फर्ज है। कहते हैं इस वक्त दो चरणों में विशेष सफाई अभियान चलाया जा रहा है। एक भी कर्मचारी ने पिछले पंद्रह दिनों में अवकाश नहीं लिया। ब्रम्हपुरी गली के सफाईकर्मी प्रेम की मां बीमार हैं औा अस्पताल में भर्ती हैं। बावजूद वह ड्यिूटी कर रहे हैं। यादव ने बताया कि एक सफाईकर्मी को दो से तीन इलाकों की सफाई करनी पड़ रही है। क्योंकि हमारे पास पर्याप्त सख्या में कर्मचारी नहीं हैं। सुबह आने वाला कर्मी को सफाई करते-करते दोपहर हो जाती है और शाम को फिर उसे झाड़ू उठानी पड़ रही है।
संविदा सफाई कर्मी त्रिलोक कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस का संकट सफाई से ही जाएगा। नालियों के कीचड़ से संक्रामक रोग फैलने की आशंका ज्यादा रहती है, जिससे कीचड़ भी हाथोंहाथ उठाया जा रहा है। इनका कहना था कि कोरोना वायरस में अफसरों ने हमारी सुरक्षा के लिए मास्क, दस्ताने उपलब्ध कराए हैं साथ ही हमें भी सफाई के बाद अच्छी तरह हाथ धोने के लिए आगाह कर रहे हैं। त्रिलोक बताते है, वह जब सफाई के लिए मोहल्लों में जाते हैं तो लोगों को घरों के अंदर रहने के लिए जागरूक भी करते हैं।