कानपुर. पिछले कई दिनों से कानपुर के कई अस्पतालों में डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है। इसी के चलते स्वस्थ्य महकमे के अफसर इस महामारी को रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं। लेकिन गुरू तेज बहादुर हॉस्पिटल में स्वाइन फ्लू से ग्रसित एक मरीज व चार संदिग्ध पीड़ित मिलने से प्रशासन की नींद उड़ गई है। इसी के कारण सीएमओ ने आज अपने महतमों के साथ बैठक की और जिले के तमाम सरकार व प्राइवेट अस्पतलों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीजों के घरों में जाकर परिजनों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। परिवार के सदस्यों को दवा भी दी जा रही है।
पंद्रह दिन से थे बीमार-
सिविल लाइंस निवासी देवेंद्र कुमार गुप्ता (55) को बुधवार की दोपहर के वक्त लाजपत नगर स्थित गुरू तेग बहादुर अस्पताल में एडमिट कराया गया था। लाल पैथालॉजी में जांच में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गए। देर रात इलाज के दौरान देवेंद्र की मौत हो गई। अस्पताल के संचालक दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि मरीज को गंभीर हालत में यहां लाया गया था। मल्टीआर्गन आठ घंटे में ही फेल हो गया। काफी प्रयास के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। परिजनों ने बताया कि देवेंद्र को पंद्रह दिन पहले बुखार आया था। जिनका इलाज एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा था। बुधवार को जब हालत गंभीर हुई तो उन्हें गुरू तेग बहादुर अस्पताल में एडमिट कराया गया। जहां उनकी देर रात मौत हो गई। मृतक के बेटे के मुताबिक खून की जांच रिपोर्ट में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी।
चार संदिग्धों का चल रहा इलाज-
सिविल लाइंस निवासी बुजुर्ग की मौत के बाद गुप्ता परिवार के दो अन्य सदस्यों का इसी अस्पताल में इलाज चल रहा है। दोनों के सैंपेल जांच के लिए लखनऊ भेजे गए हैं। वहीं सर्वोदय नगर के एक प्राइवेट अस्पताल में दो मरीज स्वाइन फ्लू के चलते भर्ती हुए हैं। लोगों का कहना है कि गंदगी के चलते शहर में डेंगू ने दस्तक दे दी है। बेकमगंज निवासी हसन रजा ने बताया कि उनके परिवार के तीन सदस्य डेंगू की चपेट में आ गए हैं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।
वहीं मामले पर सीएमओ ने कहा कि कानपुर में स्वाइन फ्लू के चलते एक मरीज की मौत हो गई है। जिसके चलते अस्पतलों में संक्रमित मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट पैथालॉजी से जांच को नकार दिया है। दोबारा सैंपेल लेकर लखनऊ जांच के लिए भेजा गया है।
स्वाइन फ्लू बीमारी के ये हैं लक्षण-
डॉक्टर विकास गुप्ता ने बताया कि स्वाइन फ्लू दूषित हवा और हाथ मिलाने से फैलता है। खांसने और छींकने पर रोग दूसरे के शरीर में पहुंच जाता है। साथ ही ठंड देकर तेज बुखार आना, गले में दर्द, संक्रमण, सिरदर्द, सर्दी और नाक बंद होना, कई केसों में नाक बहती है, खांसी, उल्टी, दस्त, थकान महसूस बलगम में खून, बेहोशी और दौरे आना प्रमुख लक्षण हैं। जिन्हें ये समस्या हो तो वो तत्काल डॉक्टर के पास जाकर इलाज करवाएं। डॉक्टर विकास गुप्ता ने बताया कि ये रोग गर्भवती महिलाओं, बच्चों मधुमेह व अस्थमा रोग से ग्रसित मरीजों को पहले अपनी चपेट में लेते हैं। इसलिए इन लोगों को अपने आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए। पानी खौलाकर पिएं। बुखार हो तो डॉक्टर को दिखाएं।