साढ़े चार साल का लगेगा समय
वायु प्रदूषण की जांच स्विट्जरलैंड की कंपनी चार साल छह माह का समय लगाएगी। यह कंपनी प्रदूषण के श्रोतों का पता लगाकर स्टडी रिपोर्ट तैयार करेगी। कंपनी के सुझावों पर संबंधित सरकारी विभागों की संयुक्त टीम अमल कराएगी। जो भी स्टडी रिपोर्ट तैयार की जाएगी उसके लिए खर्च होने वाली धनराशि स्विट्जरलैंड सरकार वहन करेगी। सीनियर थेमेटिक एनर्जी एडवाइजर आनंद शुक्ला ने विस्तार से बताया कि स्टडी रिपोर्ट में एक-एक बिन्दु आ जाएंगे। यह साफ हो जाएगा कि किन-किन श्रोतों से किस तरह और कितना प्रदूषण हो रहा है। इसके लिए अत्याधुनिक संयंत्र लगाए जाएंगे। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी कंपनी की होगी।
वायु प्रदूषण की जांच स्विट्जरलैंड की कंपनी चार साल छह माह का समय लगाएगी। यह कंपनी प्रदूषण के श्रोतों का पता लगाकर स्टडी रिपोर्ट तैयार करेगी। कंपनी के सुझावों पर संबंधित सरकारी विभागों की संयुक्त टीम अमल कराएगी। जो भी स्टडी रिपोर्ट तैयार की जाएगी उसके लिए खर्च होने वाली धनराशि स्विट्जरलैंड सरकार वहन करेगी। सीनियर थेमेटिक एनर्जी एडवाइजर आनंद शुक्ला ने विस्तार से बताया कि स्टडी रिपोर्ट में एक-एक बिन्दु आ जाएंगे। यह साफ हो जाएगा कि किन-किन श्रोतों से किस तरह और कितना प्रदूषण हो रहा है। इसके लिए अत्याधुनिक संयंत्र लगाए जाएंगे। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी कंपनी की होगी।
प्रदूषण दूर करने का प्लान समझाया
वायु प्रदूषण से मुक्त करने के लिए यहां आई स्विस इंटरनेशनल को-ऑपरेशन की टीम ने नगर निगम में अपना प्रेजेंटेशन दिया। स्विट्जरलैंड सरकार से संबद्ध इस कंपनी के पदाधिकारियों के साथ एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के अधीन कार्य करने वाली संस्था अर्थ साइंस एंड क्लामेट चेंज के निदेशक सुमित शर्मा भी मौजूद थे, जिन्होंने विस्तार से देश के शहरों में हो रहे प्रदूषण के कारणों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि स्विस इंटरनेशनल ने यूपी के दो शहरों लखनऊ और कानपुर को इस प्रोजेक्ट के लिए चुना है।
वायु प्रदूषण से मुक्त करने के लिए यहां आई स्विस इंटरनेशनल को-ऑपरेशन की टीम ने नगर निगम में अपना प्रेजेंटेशन दिया। स्विट्जरलैंड सरकार से संबद्ध इस कंपनी के पदाधिकारियों के साथ एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के अधीन कार्य करने वाली संस्था अर्थ साइंस एंड क्लामेट चेंज के निदेशक सुमित शर्मा भी मौजूद थे, जिन्होंने विस्तार से देश के शहरों में हो रहे प्रदूषण के कारणों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि स्विस इंटरनेशनल ने यूपी के दो शहरों लखनऊ और कानपुर को इस प्रोजेक्ट के लिए चुना है।
प्लान के आधार पर सरकार लेगी फैसला
स्विट्जरलैंड सरकार से संबद्ध कंपनी स्विस इंटरनेशनल ने दिल्ली के प्रदूषण की भी रिपोर्ट तैयार की थी। कंपनी के प्रोजेक्ट एसोसिएट निमिश सिंह ने बताया कि जब एक्शन प्लान तैयार होगा तो इसका अनुपालन कराने के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसमें कई तरह के निर्णय हो सकते हैं। अगर प्रमुख कारण वाहनों का धुआं होगा तो यहां भी बीएस फोर या बीएस सिक्स मॉडल की गाडिय़ों के संचलन की अनुमति हो सकती है।
स्विट्जरलैंड सरकार से संबद्ध कंपनी स्विस इंटरनेशनल ने दिल्ली के प्रदूषण की भी रिपोर्ट तैयार की थी। कंपनी के प्रोजेक्ट एसोसिएट निमिश सिंह ने बताया कि जब एक्शन प्लान तैयार होगा तो इसका अनुपालन कराने के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसमें कई तरह के निर्णय हो सकते हैं। अगर प्रमुख कारण वाहनों का धुआं होगा तो यहां भी बीएस फोर या बीएस सिक्स मॉडल की गाडिय़ों के संचलन की अनुमति हो सकती है।