किसानों को तकनीकी मदद देगा आईआईटी
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) कानपुर कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप प्रमोट करके किसानों को कृषि तकनीकों में सहूलियतें देगा। इसके लिए जल्द ही संस्थान में एग्री स्टार्टअप इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। सेंटर की स्थापना के लिए 12 करोड़ रुपये बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और टाटा ट्रस्ट ने दिए हैं। यही नहीं इस केंद्र के जरिये 100 करोड़ रुपये स्टार्टअप कंपनियों में निवेश किए जाएंगे। स्टार्टअप कंपनियों में सौ करोड़ के निवेश के लिए इंडिया एग्रीटेक इंक्यूबेशन नेटवर्क (आईएआईएन) से भी आईआईटी ने हाल ही में समझौता किया है। पांच सालों में कृषि स्टार्टअप कंपनियों में इस धनराशि का निवेश किया जाएगा।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) कानपुर कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप प्रमोट करके किसानों को कृषि तकनीकों में सहूलियतें देगा। इसके लिए जल्द ही संस्थान में एग्री स्टार्टअप इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। सेंटर की स्थापना के लिए 12 करोड़ रुपये बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और टाटा ट्रस्ट ने दिए हैं। यही नहीं इस केंद्र के जरिये 100 करोड़ रुपये स्टार्टअप कंपनियों में निवेश किए जाएंगे। स्टार्टअप कंपनियों में सौ करोड़ के निवेश के लिए इंडिया एग्रीटेक इंक्यूबेशन नेटवर्क (आईएआईएन) से भी आईआईटी ने हाल ही में समझौता किया है। पांच सालों में कृषि स्टार्टअप कंपनियों में इस धनराशि का निवेश किया जाएगा।
20 करोड़ से बनेगी नई बिल्डिंग
संस्थान प्रशासन ने बायोसाइंस एंड बायोइंजीनियरिंग विभाग (बीएसबीई) के विकास पर काफी फोकस किया है। इसके लिए अमेरिका के मेहता फाउंडेशन ने संस्थान प्रशासन को बीस करोड़ रुपये दान दिए हैं। इस रकम से बीएसबीई विभाग के लिए अलग से बिल्डिंग तैयार की जाएगी, जहां अत्याधुनिक लैब भी होगी। संस्थान प्रशासन की तैयारी है कि इसकी नींव भी स्थापना दिवस पर ही रख दी जाए ताकि जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू हो सके।
संस्थान प्रशासन ने बायोसाइंस एंड बायोइंजीनियरिंग विभाग (बीएसबीई) के विकास पर काफी फोकस किया है। इसके लिए अमेरिका के मेहता फाउंडेशन ने संस्थान प्रशासन को बीस करोड़ रुपये दान दिए हैं। इस रकम से बीएसबीई विभाग के लिए अलग से बिल्डिंग तैयार की जाएगी, जहां अत्याधुनिक लैब भी होगी। संस्थान प्रशासन की तैयारी है कि इसकी नींव भी स्थापना दिवस पर ही रख दी जाए ताकि जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू हो सके।
५० हजार से ज्यादा किसानों को होगा लाभ
प्लान के मुताबिक इस दौरान देश की कृषि से जुड़ी 60 कंपनियों को तकनीक और बिजनेस सपोर्ट देकर 50 हजार से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा। कृषि के क्षेत्र में सुविधाएं, तकनीक, सर्विस, फूड प्रोसेसिंग, सीड विकसित करने सहित कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र में नए आइडिया के साथ आने वालों को इस एग्री स्टार्टअप इंक्यूबेशन सेंटर में स्टार्टअप शुरू करने का मौका दिया जाएगा। इस केंद्र की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दो नवंबर को संस्थान के स्थापना दिवस पर रखी जा सकती है। इसके लिए आईआईटी प्रशासन ने उन्हें आमंत्रित किया है।
प्लान के मुताबिक इस दौरान देश की कृषि से जुड़ी 60 कंपनियों को तकनीक और बिजनेस सपोर्ट देकर 50 हजार से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा। कृषि के क्षेत्र में सुविधाएं, तकनीक, सर्विस, फूड प्रोसेसिंग, सीड विकसित करने सहित कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र में नए आइडिया के साथ आने वालों को इस एग्री स्टार्टअप इंक्यूबेशन सेंटर में स्टार्टअप शुरू करने का मौका दिया जाएगा। इस केंद्र की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दो नवंबर को संस्थान के स्थापना दिवस पर रखी जा सकती है। इसके लिए आईआईटी प्रशासन ने उन्हें आमंत्रित किया है।
आईआईटी-सीएसए मिलकर करेंगे काम
संस्थान के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत कृषि और किसानों के हालात में सुधार लाने की दिशा में काम किया जाएगा। इसके लिए चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के कृषि वैज्ञानिकों की मदद भी ली जाएगी। कृषि वैज्ञानिकों के साथ आईआईटी के वैज्ञानिक और छात्र मिलकर नई तकनीक तैयार करेंगे। किसानों की समस्याएं पता करने के बाद उसके निस्तारण की प्रक्रिया पर काम होगा।
संस्थान के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत कृषि और किसानों के हालात में सुधार लाने की दिशा में काम किया जाएगा। इसके लिए चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के कृषि वैज्ञानिकों की मदद भी ली जाएगी। कृषि वैज्ञानिकों के साथ आईआईटी के वैज्ञानिक और छात्र मिलकर नई तकनीक तैयार करेंगे। किसानों की समस्याएं पता करने के बाद उसके निस्तारण की प्रक्रिया पर काम होगा।