कुछ ऐसे मामले सामने आए, जिसमें एकल आवास दिखाकर पुराना टैक्स देते हैं। जबकि वहां पर फ्लैट बनाकर बेच दिया गया है। इस तरह के मामलों को पकड़ने के लिए बिजली कनेक्शन और रजिस्ट्री की जांच कराई जाएगी। इसके चलते चिन्हित होने वाले फ्लैटों से रजिस्ट्री होने के समय से टैक्स वसूला जाएगा। विभाग इसके लिए 10 साल में बनी सभी इमारतों का सर्वे करवा रहा है। नगर निगम भौगोलिक सूचना प्रणाली के तहत एक-एक वार्ड का सर्वे करा रहा है। इससे पता चल जाएगा कि कितनी संपत्तियां बढ़ी है।
इसमें आवासीय और व्यावसायिक है। दस वार्डों में सर्वे चल रहा है। अभी दो वार्डों का सर्वे लखनऊ की कंपनी ने पूरा कर लिया है। 5700 संपत्तियां बिना टैक्स के मिली हैं। नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि क्षेत्र के बिजली के कनेक्शन और रजिस्ट्री की क्षेत्रवार दस्तावेज संबंधित विभागों से मांगे है। इसके आधार पर पता चल जाएगा कि कौन से मकान से कितना टैक्स आ रहा है। पहले एकल आवास था अब इमारत बन गई है। चिह्नित होने पर हाउस टैक्स वसूला जाएगा।