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प्रेरणा एप के खिलाफ प्रदर्शन को उमड़े शिक्षक, छोटा पड़ गया परिसर

locationकानपुरPublished: Jan 21, 2020 03:00:20 pm

उत्तरप्रदेश शिक्षक महासंघ की अगुवाई में डीआईओएस कार्यालय पर बुलंद की आवाजसेवा नियमावली और शिक्षक सेवा सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया गया, हजारों शिक्षक उमड़े

प्रेरणा एप के खिलाफ प्रदर्शन को उमड़े शिक्षक, छोटा पड़ गया परिसर

प्रेरणा एप के खिलाफ प्रदर्शन को उमड़े शिक्षक, छोटा पड़ गया परिसर

कानपुर। अपनी मांगों को लेकर शिक्षकों का आंदोलन जोर पकड़ गया। मंगलवार को शिक्षकों ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। इस आंदोलन में उमड़े शिक्षकों की भीड़ के चलते परिसर ही छोटा पड़ गया। यह आंदोलन उत्तरप्रदेश शिक्षक महासंघ के आह्वान पर शुरू हुआ है। इसमें स्कूल से छुट्टी लेकर हजारों शिक्षक शामिल हुए।
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक उमड़े
महासंघ की प्रदेश स्तरीय कॉल पर बड़ी संख्या में माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक दोपहर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में एकत्रित हो गए। इसमें मुख्य रूप से माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट और प्राथमिक शिक्षक संघ शामिल है। शिक्षक सेवा सुरक्षा, वित्तविहीन शिक्षकों की सेवा नियमावली बनाने और प्रेरणा ऐप वापस लेने की मांग कर रहे थे। हजारों की संख्या में पहुंचे शिक्षकों के कारण कार्यालय परिसर छोटा पड़ गया। बड़ी संख्या में शिक्षक सडक़ पर भी एकत्रित रहे पहले यह प्रदर्शन राजकीय इंटर कॉलेज ग्राउंड पर होना था लेकिन पुलिस ने सीएए के विरोध के चलते यहां सभा करने की अनुमति नहीं दी।
प्रेरणा एप वापस लेने की मांग
प्राइमरी शिक्षक संघ के अध्यक्ष राकेश बाबू पांडे ने कहा कि प्रेरणा ऐप को तत्काल वापस लिया जाए। शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री हेमराज सिंह गौर ने कहा कि धारा 21 समाप्त करने से सेवाएं सुरक्षित नहीं रह गई हैं। इसे तत्काल बहाल किया जाए। वित्तविहीन शिक्षकों की सेवा नियमावली बनाई जाए। धरने में मुख्य रूप से आरसी यादव, राकेश तिवारी, अनिल सचान, प्रवीण दीक्षित, परमानंद शुक्ला और मोहित तिवारी आदि शामिल थे।
सरकार की चेतावनी का असर नहीं
प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की 21 जनवरी को स्कूल तालाबंदी को लेकर राज्य सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए थे। बीते दिनों हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने सभी जिलों को निर्देश दिये थे कि किसी भी हालत में स्कूल बंद न रहे। मगर इसके बावजूद शिक्षकों ने आंदोलन किया, हालंकि तालाबंदी नहीं रह सकी। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस मामले पर पूरी नजर बनाए हुए है। हालांकि स्कूलों में काम कर रहे 1.38 लाख शिक्षामित्रों ने पहले ही बेसिक शिक्षा विभाग को आश्वस्त किया था कि वे स्कूलों में तालाबंदी नहीं होने देंगे और वे पूरी संख्या में मौजूद रह कर स्कूलों में पढ़ाई करवाएंगे।

यह हैं शिक्षकों की प्रमुख मांगें
आंदोलन में शामिल ये शिक्षक मुख्य रूप से हर स्कूल में प्रधानाध्यापक, हर कक्षा में एक अध्यापक, पुरानी पेंशन योजना, हर स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, बच्चों के लिए फर्नीचर, एसीपी, कैशलेस इलाज, परिवार नियोजन भत्ते की बहाली, मृतक आश्रितों को शिक्षक के पद पर नियुक्ति व राज्य कर्मचारियों की तरह उपार्जित अवकाश देने की मांग कर रहे हैं।

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