लखनऊ पीएफ विभाग को जिम्मेदारी
शिक्षामित्रों पर पीएफ विभाग के नियम एक अप्रैल २०१५ से प्रभावी हो चुके हैं, इसके बावजूद कानपुर समेत सूबे के किसी भी बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से पीएफ का भुगतान शिक्षामित्रों को नहीं किया गया। इस मामले में शिक्षामित्रों की शिकायत के बाद विभाग की ओर से बीते एक साल से ७ए की कार्रवाई की जा रही थी। अब डेटा मिलने के बाद ८ सप्ताह में मामला निस्तारित करने को कहा गया है साथ ही लखनऊ के पीएफ विभाग को पूरा मामला देखने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षामित्रों पर पीएफ विभाग के नियम एक अप्रैल २०१५ से प्रभावी हो चुके हैं, इसके बावजूद कानपुर समेत सूबे के किसी भी बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से पीएफ का भुगतान शिक्षामित्रों को नहीं किया गया। इस मामले में शिक्षामित्रों की शिकायत के बाद विभाग की ओर से बीते एक साल से ७ए की कार्रवाई की जा रही थी। अब डेटा मिलने के बाद ८ सप्ताह में मामला निस्तारित करने को कहा गया है साथ ही लखनऊ के पीएफ विभाग को पूरा मामला देखने के निर्देश दिए गए हैं।
करोड़ों में है शिक्षामित्रों की देनदारी
कानपुर ईपीएफओ के अधीन १५ जनपदों में बीएसए के खिलाफ विभाग ने शिक्षामित्रों ने पीएफ न जमा करने पर कार्रवाई तेज कर दी है। कानपुर के ३३०० शिक्षामित्रों की देनदारी ८ करोड़ ५३ लाख, कानपुर देहात के २६५० शिक्षामित्रों का ७ करोड़ ७७ लाख, ललितपुर के २३०० शिक्षामित्रों का ७ करोड़ २१ लाख और महोबा के १६०० शिक्षामित्रों की देनदारी ४ करोड़ ४८ लाख रुपए निकली थी।
कानपुर ईपीएफओ के अधीन १५ जनपदों में बीएसए के खिलाफ विभाग ने शिक्षामित्रों ने पीएफ न जमा करने पर कार्रवाई तेज कर दी है। कानपुर के ३३०० शिक्षामित्रों की देनदारी ८ करोड़ ५३ लाख, कानपुर देहात के २६५० शिक्षामित्रों का ७ करोड़ ७७ लाख, ललितपुर के २३०० शिक्षामित्रों का ७ करोड़ २१ लाख और महोबा के १६०० शिक्षामित्रों की देनदारी ४ करोड़ ४८ लाख रुपए निकली थी।
खाते किए गए अटैच
कानपुर नगर, कानपुर देहात, ललितपुर, महोबा के बीएसए के खाते विभाग के अटैच कर लिए थे। जिसमें बीएसए की ओर से एक याचिका हाईकोर्ट इलाहाबाद में दाखिल की गई थी। जिसमें कहा गया कि उनके खाते अटैच करना गलत है और स्टे दे दिया गया था। एक अन्य मामले में लखनऊ खंडपीठ ने १७-२५ नवंबर तक सुनवाई की।
कानपुर नगर, कानपुर देहात, ललितपुर, महोबा के बीएसए के खाते विभाग के अटैच कर लिए थे। जिसमें बीएसए की ओर से एक याचिका हाईकोर्ट इलाहाबाद में दाखिल की गई थी। जिसमें कहा गया कि उनके खाते अटैच करना गलत है और स्टे दे दिया गया था। एक अन्य मामले में लखनऊ खंडपीठ ने १७-२५ नवंबर तक सुनवाई की।