कानपुर देहात जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश ने बताया जनपद में आंगनवाड़ी केंद्रों पर मनाया गया है। किशोरी दिवस पर 11 से 14 वर्ष की सभी किशोरियों की ऊंचाई व वजन की माप और खून की जांच की गयी। साथ ही हर किशोरी का हेल्थ कार्ड जारी किया गया। इस कार्य में आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व एएनएम की मदद ली जाएगी। किशोरियों को उनके हीमोग्लोबिन के स्तर को बताने के साथ ही उसे उनके हेल्थ कार्ड में भी दर्ज किया जाएगा। जांच में जो किशोरियाँ एनीमिक पायी जाएंगी, वह अगले चरण में दोबारा जांच के लिए आएंगी। इस अभियान में उन किशोरियों की दोबारा स्वास्थ्य व खून की जांच करना अनिवार्य है, जिनकी जांच एएनएम सेंटर पर हुई। इसी अभियान के तहत गुरुवार को ब्लाक सरवनखेड़ा में आंगनवाड़ी केंद्र पर किशोरी दिवस मनाया गया। जिसमे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कमलेश और निर्मला ने किशोरियों को स्वास्थ्य एवं साफ- सफाई के बारे में बताया।
वहीं पोषण सखी रिंकी ने संवाद करते हुए बताया कि किशोरी दिवस में हम 11 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की किशोरी को आंगनवाड़ी केंद्र पर इकट्ठा करके उनको एनिमिया में सुधार के लिए बताया जाता है। पोषण व परिवार कल्याण, जागरुकता को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किया जा है कि किशोरियों की शादी 18 वर्ष से कम उम्र में न की जाए। बाल विकास परियोजना अधिकारी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि जो किशोरियां व लड़कियां आयरन की गोलियों का सेवन दूध व चाय के साथ करती हैं, जो की गलत है, इससे शरीर में आयरन का अवशोषण कम हो जाता है। इसके अलावा आयरन फोलिक एसिड की गोलियों का सेवन, विटामिन सी युक्त आहार जैसे नीम्बू, संतरा, आदि के साथ किया जाना चाहिए, जिससे आयरन का अवशोषण सुचारु रूप से हो सके। भोजन में पालक, मेथी, बथुआ, सरसों, गुड़ आदि की मात्रा बढाएं क्योंकि इसमें आयरन की मात्रा अधिक होती है। अंकुरित दालों को हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ पकाकर खाना चाहिए। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 (2015-16) पर नजर डालें त उत्तर प्रदेश की 15 से 19 साल की किशोरियाँ सबसे ज्यादा एनीमिया की गिरफ्त में हैं, जिनकी तादाद 62.8% फीसद है।