तहसीलदार अरविंद कुमार की मानें तो मंगलवार दोपहर उनके मोबाइल पर भाजपा सांसद सुब्रत पाठक का फोन आया। जिसमें उन्होंने पूछा कि संसदीय क्षेत्र के जिन लोगों को राशन वितरण के लिए प्रशासन को सूची भेजी थी उसकी अनदेखी की जा रही है। इसके लिए उन्होंने तहसीलदार पर लापरवाही का आरोप लगाया। तहसीलदार ने बताया कि सूची नायब तहसीलदार को दी गई है और जल्द ही राशन वितरण हो जाएगा। तहसीलदार का आरोप है कि इस पर सांसद ने उन्हें धमकाया और देख लेने की धमकी दी। इस पर तहसीलदार ने भी सीधा जवाब दे दिया। जिससे सांसद भड़क गए और फोन काट दिया।
समर्थकों सहित आवास पर पहुंचे
तहसीलदार का यह भी आरोप है कि फोन पर हुई बातचीत के कुछ ही देर बाद सांसद अपने समर्थकों के साथ तहसील स्थित उनके आवास पर पहुंचे और उनको बाहर बुलाया। तहसीलदार के मुताबिक जैसे ही वह बाहर निकले तो सांसद ने समर्थकों के साथ उनसे मारपीट की और लात-घूसों से पीटना शुरू कर दिया।
तहसीलदार ने मारपीट की शिकायत जिलाधिकारी से की और सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है। इस मामले में डीएम राकेश मिश्र का कहना है कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। संकट की इस घड़ी में सभी को साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस मामले को लेकर प्रशासनिक अफसरों में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि अगर सांसद के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो वे लॉकडाउन के दौरान राशन वितरण व अन्य व्यवस्था में सहयोग बंद कर सकते हैं।
इस मामले में सांसद सुब्रत पाठक का कहना है कि वह सदर तहसील गए ही नहीं थे। उन पर मारपीट या अभद्रता का आरोप निराधार है। उनके कुछ कार्यकर्ता क्षेत्र में राशन की मांग के लिए तहसील गए थे। उनसे वहां मारपीट हुई है। वो सभी जिला अस्पताल में भर्ती हैं।