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मुलायम के करीबी पूर्व मंत्री के नाती ने बोतलों में भरा जहर, जहरीली शराब का सेवन करने से दस लोगों की दर्दनाक मौत

locationकानपुरPublished: May 20, 2018 11:49:14 am

Submitted by:

Vinod Nigam

मुलायम के करीबी रामस्वरूप का नाती विनय सिंह चला रहा था गोरखधंधा, आबकारी विभाग पुलिस जान कर मनी रही अनजान, मौत के बाद जागा प्रशासन

मुलायम के करीबी रामस्वरूप का नाती विनय सिंह चला रहा था गोरखधंधा, आबकारी विभाग पुलिस जान कर मनी रही अनजान, मौत के बाद जागा प्रशासन

मुलायम के करीबी पूर्व मंत्री के नाती ने बोतलों में भरा जहर, जहरीली शराब का सेवन करने से दस लोगों की दर्दनाक मौत

कानपुर। मुलायम सिंह की सरकार में रहे पूर्व मंत्री रामस्वरूप सिंह के परिजनों का कानपुर नगर से लेकर देहात तक शराब का कारोबार फैला था। अधिकतर सरकारी ठेके मंत्री के परिजनों के पास थे। जहां वह कमाई के चलते बोतलों में जहरीली शराब भर कर खपत करवा रहे थे। 2002 से लेकर 2018 तक पूर्व मंत्री का यह गोरखधंधा बेधड़क चलता रहा। लेकिन शनिवार की सुबह शराब में नशीला पदार्थ ज्यादा होने के चलते छह लोगों की मौत हो गई तो वहीं रविवार को कानपुर देतात में चार लोगों ने दम तोड़ दिया। इसके अलावा एक दर्जन ग्रामीणों की आंख की रोशनी चली गई। घटना के बाद सो रहा आबाकारी व पुलिस और प्रशासन जागा। मौके पर डीएम, सुरेंद्र सिंह, एसएसपी अखिलेश मीणा मौके पर पहुंचे और मृतकों के परिजनों से मिलकर पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल की। पुलिस ने ठेका संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आबकारी इंस्पेक्टर को निलिंबत कर पूर्व मंत्री के घर पर खुद एसएसपी अखिलेश मीणा ने देररात रेड मारी। यहां से बड़े पैमाने पर नकली शराब बनाने का समान व केमिकल बरामद किया। मकान में पूर्व मंत्री का नाती व शराब कारोबार विनय सिंह रहता था, जो मौके से फरार हो गया।
सरकार किसी की हो, नहीं पड़ा फर्क
मुलायम सिंह से लेकर अखिलेश सरकार के दौरान पूर्व मंत्री रामस्वरूप सिंह का बोलबाला था। कानपुर नगर व देहात के अधिकतर ठेके इन्हीं के परिजनों के पास थे। 2007 में योगी सरकार आने के बाद पूर्व मंत्री के नाती व शराब कारोबारी विनय सिंह ने भाजपा के नेताओं से संपर्क कर फिर से सरकारी ठेके हथिया लिए। इन दुकानों पर बिकने वाली शराब में विनय सिंह नकली शराब की खपत करा अपनी तिजोरी भर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि विनय सिंह के इस कारोबार में भाजपा का एक विधायक अहम रोल अदा कर रहा था। उसी के चलते विनय सिंह को शराब की दुकानों का लाइसेंस मिला। विनय अपनी तिजोरी भरने के लिए देहात में छोटी-छोटी शराब की अवैध भठ्ठियां चलवा रहा था। ग्रामीण रामरतन ने बताया कि विनय सिंह के इस गोरखधंधे की जानकारी सजेंडी पुलिस के साथ ही आबाकरी विभाग के अफसरों को थी। लेकिन पैसे की लालच में वह आंख बंद किए हुए बैठे थे। जिसका खामियाजा आमजन को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।
छह की हो चुकी हैं मौत
सचेंडी में मिलावटी शराब पीने से सेवानिवृत्त दारोगा समेत छह ग्रामीणों की मौत हो गई, वहीं रूरा थानाक्षेत्र में रविवार को नकली शराब का सेवन करने से चार ने दम तोड़ दिया। जबकि एक दर्जन से ज्यादा की हालत गंभीर बनी हुई है। सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन गांव पहुंचे डीएम और एसएसपी ने बीमार लोगों को अस्पताल व जान गंवाने वालों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वहीं बिक्री वाले देशी शराब ठेका का ताला तोड़कर शराब का नमूना लिया और संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। अफसरों ने एहतियातन उन्नाव से आने वाली सप्लाई पर भी रोक लगाते हुए आसपास के ठेकों से सैंपल लेकर उन्हें सील करा दिया। इधर आबकारी इंस्पेक्टर मनीष कुमार को निलंबित कर दिया गया, वहीं प्रशासन ने शराब से चार लोगों की मौत की बात कही है।
एक ने आज तोड़ा दम
सचेंडी के सुरार, दूल, हेतपुर व आसपास गांवों के लोगों ने दूल गांव स्थित सरकारी ठेके से शराब खरीद कर पी। पीने के कुछ घंटे बाद ही उनकी तबियत बिगड़ने लगी। रात भर उल्टी, उलझन और आंखों से कम दिखाई देने से परेशान लोगों को परिजनों ने आसपास के अस्पताल में भर्ती कराया, जहां शनिवार को इलाज के दौरान दूल गांव निवासी सेवानिवृत्त दारोगा जगजीवन लाल (61), सुरार गांव निवासी राजेंद्र तोमर (45), हेतपुर के उमेश यादव (32), दूल के रचनेश शुक्ल (45) और भूल गांव निवासी रामजीवन कोरी उर्फ उमेश (55) ने और महेश उर्फ भोला निवासी हेतपुर की देररात मौत हो गई। डीएम सुरेंद्र सिंह, एसएसपी अखिलेश कुमार और जिला आबकारी अधिकारी अभिमन्यु प्रताप सिंह भी पहुंचे और पड़ताल की। दूसरी तरफ मंडलायुक्त सुभाषचंद्र शर्मा और आइजी आलोक सिंह अस्तपाल में भर्ती लोगों से मिलकर जानकारी ली। डीएम ने जिले के शराब ठेकों से शराब के नमूने लेकर जांच कराने और आसपास के देशी शराब के ठेकों में बिक्री पर रोक लगा दी है।
पूरी रात चली कार्रवाई
शनिवार शाम पुलिस ने पहले अकबरपुर क्षेत्र के नसरतपुर गांव में छापेमारी की। बताया गया कि सचेंडी के जिस ठेके से जहरीली शराब बिकी वह नसरतपुर के श्यामबालक के नाम है। श्याम बालक के ठेके पर पूर्व मंत्री व सपा नेता रामस्वरुप सिंह के नाती विनय सिंह की हिस्सेदारी बताई गई। मामले में उनका नाम आते ही कानपुर नगर व रूरा की पुलिस मिलकर पूर्व मंत्री के आवास पर छापेमारी की। यहां उनके दो मकानों में पीछे बने मकान में छापेमारी की गई है। रामस्वरूप सिंह गौर के नाती विनय सिंह को विधानसभा चुनाव के पहले भी अवैध शराब के मामले में पकड़ा गया था। अवैध शराब की एक खेप पकड़े जाने के बाद उसके अभियुक्तों ने भी पूरी शराब विनय सिंह की होने की जानकारी दी थी। इस पर पुलिस ने उन्हें आरोपी बनाया था। वह उस मामले में कोर्ट से जमानत पर हैं। पुलिस की छोपमारी में विनय सिंह के मकान से 19 पेटी अंग्रेजी शराब, 20 पेटी देशी शराब व दो जरी केन केमिकल बरामद किया गया है। पुलिस अभी कुछ और स्थानों पर छापेमारी कर रही है।
देहात में चार की मौत
रविवार को रूरा थानाक्षेत्र के मढौली गांव में आज जहरीली शराब ने चार लोगों की जिंदगी निकल ली। बताया जा रहा है कि सभी ने कल एक ही देसी शराब ठेके से शराब खरीदी थी। पुलिस-प्रशासन मौके पर पहुंच गया है और ठेका संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। लोगों ने बताया कि यहां भी पूर्व मंत्री विनय सिंह की अवैध फक्ट्रियों की शराब की आपूर्ति की गई थी। लोगों ने बताया कि नगर व देहात के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर सरकारी दुकानों में विनय सिंह व उसके गुर्गे शराब की खेप पहुंचाते है। पूर्व मंत्री के नाती के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और एसएसपी ने क्राइम ब्रान्च की टीम को दबाचने के लिए लगाया है।
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