पिछली सरकार में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रहे प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि इकनॉमिकल वीकर सेक्शन (ईडब्ल्यूएस) कोटे को लागू करने के बाद शिक्षण संस्थानों में 25 प्रतिशत सीटों की बढ़ोतरी होगी। इससे सभी वर्ग के गरीब छात्रों को इससे राहत मिलेगी। केंद्रीय मंत्री के इस आदेश को आईआईटी, एचबीटीयू, सीएसए सहित सभी विश्वविद्यालयों ने लागू किया गया है। जबकि सीएसजेएमयू ने इस आदेश के तहत केवल १० प्रतिशत सीटें ही बढ़ाई हैं।
एनएसयूआई ने सीएसजेएमयू के इस मनमाने रवैए का विरोध जताया है। एनएसयूआई का कहना है कि केवल दस प्रतिशत सीटें बढ़ाए जाने से एससी-एसटी, ओबीसी व अन्य कैटेगिरी के आरक्षण में कमी आ जाएगी, इसे ध्यान में रखते हुए ही केंद्र सरकार ने १० की जगह २५ प्रतिशत सीटें बढ़ाने का आदेश दिया था, लेकिन सीएसजेएमयू इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं।
एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष शुभम शुक्ला ने कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता पर संघ के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया। कहा कि कुलपति एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण में कमी करके शोषित वर्ग को नुकसान पहुंचाने में जुटी हुई हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से 25 प्रतिशत सीटें नहीं बढ़ाने पर आंदोलन होगा।