आतंकी जलीस अंसारी गुलाम कश्मीर में दस आतंकी संगठनों के लिए ठेके पर बम बनाता था। आईएसआई में कैम्प में ट्रेनिंग के दौरान इसने गुलाम कश्मीर में आतंकी संगठनों के लिए कई बार टेस्ट करने के लिए बम बनाए। एजेंसियों की जांच पड़ताल में खुलासा हुआ है कि आतंकी डॉ. जलीस अंसारी गुलाम कश्मीर में सक्रिय जमात-ए- इस्लामी, जमात-ए-उलेमा इस्लामी, हिजाब-ए-इस्लामी, हिजबुल मुजाहिदीन, तालीबान रिलीजिएस स्कॉलर्स, सियोह-ए-सभा, लश्कर-ए- जंगहवी, हरकत-उल-मुजाहिद्दीन, मरकज-ए-दावा-वल इरशाद, लश्कर-ए-तयैबा, तहरीक-ए-जफारिया पाकिस्तान औऱ सिपाह-ए- मोहम्मद पाक के लिए ठेके पर बम बनाने का काम करता था।
डॉ. बम के नाम से मशहूर हुए इस आतंकी के बनाए गए बमों ने पीओके, कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में ही लोगों का खून नहीं बहाया बल्कि खाड़ी देशों में भी इन्हीं बमों का इस्तेमाल होता था। इन संगठनों ने अंसारी के द्वारा बनाए गए बमों से ईराक, ईरान समेत अन्य देशों में धमाकों को अंजाम दिया। जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी। अंसारी और इन सभी संगठनों के बीच में आईएसआई ब्रिज का काम करता था।
डॉ. अंसारी सन 1988 में पाकिस्तान की धरती पर ही दहशत का सामान तैयार करता था। उस दौरान उसने मरकज-ए-दावा-वल इरशाद की एक रैली में हिस्सा लिया था। इस रैली में 30 हजार से ज्यादा गुलाम कश्मीर के युवाओं ने हिस्सा लिया था। जिसमें अंसारी ने भारत के खिलाफ जहर उगलने के साथ ही युवाओं का माइंड वॉश करने का काम किया था। अंसारी को जरूरत की वस्तुएं कराई जाती थीं मुहैया आतंकी संगठनों को बम बनाकर देने में जो फंड अंसारी को मिलता था उसका हिसाब आईएसआई द्वारा रखा जाता था। करोड़ों रुपयों में मिलने वाले फंड को कहां किस घटना में और किसके ऊपर कितना खर्च करना है यह सारे निर्णय आईएसआई द्वारा लिया जाता था।