एसटीएफ को जलीस के पास से कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनमें मदरसा छात्रों को बरगलाने का पूरा खाका है। साथ ही बम बनाने के तरीके भी लिखे हैं। एसटीएफ के मुताबिक जलीस अपने पुराने साथियों की मदद से किसी न किसी मदरसे से जुडऩा चाहता था। इसके लिए वह पूरे प्रदेश के मदरसों के बारे में जानकारी जुटा रहा था। पूछताछ में उसने एसटीएफ को बताया कि नेपाल में भी पकड़े जाने का डर रहता इसलिए वह किसी मदरसे को ठिकाना बनाना चाहता था।
पूछताछ में यह भी सामने आया है कि जलीस किसी एक मदरसे में नहीं, बल्कि अलग-अलग मदरसों में जाकर जिहाद का पाठ पढ़ाना चाहता था। वह सीएए, 370 समेत अन्य मुद्दों पर युवाओं को भडक़ा कर विद्रोह करवाने की फिराक में जुटा था। इसके लिए उसने कानपुर व लखनऊ को सबसे पहले चुना था। सीएए के विरोध में जहां-जहां हिंसा हुई है, वो शहर लिस्ट में थे। वहां पर वह युवाओं के जरिए सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन चलाने की तैयारी कर रहा था।
एटीएस की जांच में पहले भी दस से अधिक ऐसे युवाओं का पता लगा था, जो मॉड्यूल के संपर्क में थे, लेकिन किसी वारदात में शामिल नहीं थे। ये सभी लोगों को भडक़ाने का काम करते थे। इन्हीं की कोशिशों के चलते कानपुर में दो स्थानों पर सीएए के खिलाफ जबरदस्त हिंसा हुई थी, जिसमें कई जानें चली गईं। जलीस इन युवाओं से भी संपर्क करना चाहता था। ताकि आसानी से अपना जाल फैला सके। एटीएस इन सभी लडक़ों की लगातार काउंसलिंग कर रही है।