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कमरुज्जमा के बाद भी खतरा बरकरार, एटीएस ने शुरू किया ऑपरेशन तौफीक

locationकानपुरPublished: Sep 25, 2018 11:33:07 am

Submitted by:

Vinod Nigam

आतंकी के कानपुर में छिपे होने की मिली जानकारी, पिछले कई दिनों से एटीएस शहर में कर रही है छापेमारी

terrorist toufiq is the only hide in the city search campaign started

कमरुज्जमा के बाद भी खतरा बरकार, एटीएस ने शुरू किया ऑपरेशन तौफीक

कानपुर। चेकेरी थानाक्षेत्र स्थित उज्यारी लाल यादव के मकान से हिजबुल आतंकी कमरुज्जमा के पकड़े जाने के बाद एनआईए, एटीएस और कानपुर पुलिस उसके अन्य दो आतंकियों को दबोचने के लिए शहर में ऑपरेशन चला रही हैं। कमरुज्जमा ने पूछताछ के दौरान कई राज उगले हैं और इसी के बाद खूफिया एजेंसिया अलर्ट पर हैं और आतंकी तौकीफ को गिरफ्तार करने के लिए जाजमऊ सहित कई इलाकों में दबिश दे रही हैं। एटीएस को सुराग मिला है कि तौफीक अभी भी कानपुर में ही अपना ठिकाना बनाए हुए है और बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहता है। इस दौरान एटीएस ने कई लोगों को उठाया और उनसे आतंकियों के राज उगलवा रही है।

शहर में मौजूदगी के मिले इनपुट
हिजबुल के आतंकवादी पिछले कई माह से कानपुर में ढेरा जमाए हुए थे। वो यहां के धार्मिक स्थलों के अलावा अन्य संस्थानों में बड़ा हमला करने की प्लॉनिंग बना रहे थे। इसी दौरान एटीएस ने सटीक सूचना पर चकेरी स्थित उज्यारी लाल यादव के मकान में किराए पर रहे कमरुज्जमा को उठा लिया और पूछताछ के बाद आतंकियों के मंसूबों का खुलाशा हुआ। एटीएस की पता चला है कि कमरुज्जमा के साथ किराए के कमरे में उसके दो अन्य साथी रहते थे और उनमें से तौफीक भी था, जिसके कानपुर में होने का इनपुट खूफिया एजेंसियों को मिला। सूत्रों की मानें तो 30 अगस्त को तौफीक कानपुर से लखनऊ गया था और कमरुज्जमां को चारबाग रेलवे स्टेशन से अपने साथ लेकर कानपुर लाया था और उज्यारी लाल के मकान में ठहराया था। एटीएस की टीम कमरुज्जमा को लेकर उज्यारी लाल के घर ले गई, जहां मकान मालिक ने उसे पहचानने से इंकार कर दिया था। इसी के बाद एटीएस को तौफीक के बारे में जानकारी मिली और उसे दबोचने के लिए ऑपरेशन शुरू कर दिया।

सबको दिए गए थे टारगेट
आतंकियों को अलग-अगल टारगेट दिए थे। तौफीक व उसके दूसरे साथी के पास एके-47 व सुसाइड जैकेट की व्यवस्था का जिम्मा था। कमरुज्जमां को शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाकों के गणेश पंडाल व अन्य महत्वपूर्ण स्थलों की जानकारी एकत्र कर फिदायीन हमले अंजाम देना था। इस गिरोह के अभी भी शहर में होने के साक्ष्य मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने फिर से नई रणनीति बनाकर संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी और आतंकी संगठन के सहयोगियों की धरपकड़ के लिए छापेमारी शुरू कर दी। सूत्रों के मुताबिक कमरुज्जमां को तौफीक के बारे में जानकारी उसके हिजबुल मुजाहिदीन के साथी ओसामा बिन जावेद ने दी थी। उसने ही दोनों का संपर्क कराया था। कमरुज्जमां कश्मीर में एके-47 खरीदने का प्रयास कर रहा था। इसके लिए वह अपने गांव के निवासी दोस्त रियाज उर्फ रियाजुद्दीन के संपर्क में था। उसके पकड़े जाने के बाद असम पुलिस ने उसके भाई शफीकुल इस्लाम व चाचा जैनुल अहम सहित सात मददगारों को गिरफ्तार किया है।

जाजमऊ स्थित दुकान में रेड
एटीएस की एक टीम जाजमऊ स्थित एक मोबाइल दुकान में रेड मारी। यहां लगे सीसीटीवी चेक किए। साथ ही रिचार्ज होने वाले नंबर व नए जारी सिम कार्ड की डिटेल ली। इसके अलावा एटीएस ने वाजिदपुर तिराहे पर खड़े दो युवकों को पूछताछ के बाद सफेद गाड़ी में डालकर ले जाने की चर्चा रही। कहा जा रहा है कि युवक कमरुज्जमां के साथी थे, जिन्हें सुरक्षा एजेंसी की टीम साथ ले गई। स्थानीय निवासी अशरफ ने बताया कि जुमा की नमाज से पहले कुछ लोगों को देखा गया था जो दो युवकों से पूछताछ कर रहे थे। इसके बाद वे लोग गायब हो गए। अशरफ के मुताबिक दोनों युवक यहां के नहीं है। यदि मोहल्ले के होते तो अभी तक पता चल जाता।

अलर्ट पर खूफिया एजेंसियां
कमरुज्जमां के साथियों की अभी तक गिरफ्तारी न होने से सुरक्षा एजेंसियां व पुलिस सतर्क है। सभी प्रमुख धार्मिक स्थल, आयोजन, सार्वजनिक स्थल व प्रमुख प्रतिष्ठानों पर विभिन्न सुरक्षा एजेंसी की इंटेलीजेंस यूनिट अपने तरीके से काम कर रही हैं। पुलिस टीम हर आने-जाने वालों पर नजर रख रही है। एसएसपी अनंद देव ने सभी थानेदारों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी बीट सिपाही अपने क्षेत्र में ऐसे लोगों को चिह्नित करें जो बाहर से आकर बसे हैं और उनके पहचान पत्र नहीं हैं। उनके मूल पते पर तस्दीक करें। यदि कुछ संदिग्ध मिले तो फौरन कार्रवाई करें। बिना सत्यापन के संदिग्ध को रखने वाले मकान, फैक्ट्री या दुकान मालिक भी कार्रवाई की जद में आएंगे।

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