पहले भी बचाई थी जान
कुछ दिन पहले महाधमनी के फटने के बावजूद व्यक्ति को जीवित बचा लिया था, जोकि अपने आप में पहला ऐसा ऑपरेशन था, जिसमें मरीज को बचाना लगभग नामुमकिन लग रहा था, क्योंकि दिल को खून देने वाली धमनी फटने के बाद हार्टअटैक का खतरा और बढ़ जाता है और ऐसे में जल्दी ही मौत हो जाती है पर कार्डियोलॉजी के डॉक्टरों ने पहली बार एक जटिल ऑपरेशन कर उस मरीज की जान बचाई थी।
कुछ दिन पहले महाधमनी के फटने के बावजूद व्यक्ति को जीवित बचा लिया था, जोकि अपने आप में पहला ऐसा ऑपरेशन था, जिसमें मरीज को बचाना लगभग नामुमकिन लग रहा था, क्योंकि दिल को खून देने वाली धमनी फटने के बाद हार्टअटैक का खतरा और बढ़ जाता है और ऐसे में जल्दी ही मौत हो जाती है पर कार्डियोलॉजी के डॉक्टरों ने पहली बार एक जटिल ऑपरेशन कर उस मरीज की जान बचाई थी।
थम चुकी सांसों को किया चालू
कानपुर निवासी होमगार्ड राम निवास को सुबह नौ बजे हार्टअटैक पड़ा। घरवालों के मुताबिक उनकी सांसे थम चुकी थींं। उम्मीद नहीं थी फिर भी कार्डियोलॉजी लेकर चले आए। यहां भी डॉक्टरों को दिल की धड़कन नहीं मिली और पल्स भी नहीं था। मगर डॉक्टरों ने आखिरी कोशिश करते हुए मरीज को दो बार शाक दे दिया तो दिल ने कुछ हरकत की और मरीज को फौरन वेंटीलेटर पर लेकर उसे पेस मेकर लगा दिया। पांच डॉक्टरों की टीम ने मरीज जान बचाने में पूरा जोर लगा दिया और इमरजेंसी में ही एंजियोग्राफी और एंजियोप्लॉस्टी कर दी गई।
कानपुर निवासी होमगार्ड राम निवास को सुबह नौ बजे हार्टअटैक पड़ा। घरवालों के मुताबिक उनकी सांसे थम चुकी थींं। उम्मीद नहीं थी फिर भी कार्डियोलॉजी लेकर चले आए। यहां भी डॉक्टरों को दिल की धड़कन नहीं मिली और पल्स भी नहीं था। मगर डॉक्टरों ने आखिरी कोशिश करते हुए मरीज को दो बार शाक दे दिया तो दिल ने कुछ हरकत की और मरीज को फौरन वेंटीलेटर पर लेकर उसे पेस मेकर लगा दिया। पांच डॉक्टरों की टीम ने मरीज जान बचाने में पूरा जोर लगा दिया और इमरजेंसी में ही एंजियोग्राफी और एंजियोप्लॉस्टी कर दी गई।
हार्टअटैक के बाद एक घंटा अहम
कार्डियोलॉजी के डॉ. अवधेश शर्मा ने मुताबिक हार्टअटैक के बाद मरीज जितनी जल्दी संस्थान पहुंच जाएं उतना ही उनके बचने की संभवना रहती है। हार्टअटैक रोगियों के लिए एक घंटा बेहद अहम होता है। प्रो. रमेश ठाकुर की देखरेख में विशेषज्ञों की टीम ने एंजियोप्लॉस्टी की। डॉ. एम रजी,डॉ. संतोष सिंह, डॉ. उमेश्वर पाण्डेय आदि टीम में शामिल रहे। संस्थान के निदेशक प्रो. विनय कृष्णा ने टीम को बधाई दी है।
कार्डियोलॉजी के डॉ. अवधेश शर्मा ने मुताबिक हार्टअटैक के बाद मरीज जितनी जल्दी संस्थान पहुंच जाएं उतना ही उनके बचने की संभवना रहती है। हार्टअटैक रोगियों के लिए एक घंटा बेहद अहम होता है। प्रो. रमेश ठाकुर की देखरेख में विशेषज्ञों की टीम ने एंजियोप्लॉस्टी की। डॉ. एम रजी,डॉ. संतोष सिंह, डॉ. उमेश्वर पाण्डेय आदि टीम में शामिल रहे। संस्थान के निदेशक प्रो. विनय कृष्णा ने टीम को बधाई दी है।