डेंगू का बदला रूप ज्यादा खतरनाक
डॉक्टरों के मुताबिक डेंगू का यह बदला रूप और ज्यादा जानलेवा है। पहले डेंगू के मरीजों के लिवर और किडनी पर इसका असर दिख रहा था। अब हार्ट पर असर काफी गम्भीर बात है। इससे इलाज का पूरा प्रबंधन बदल जाता है। इसके साथ ही डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीजों का ब्लड प्रेशर लो हो रहा है। कुछ डेंगू पीडि़तों की पल्स रेट 40 तक पहुंच गई। हैलट अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एसके गौतम के मुताबिक उन्होंने दो मरीजों को देखा है जिन्हें डेंगू के साथ हार्ट की भी दिक्कत है। इनमें एक युवक तो आईसीयू में भर्ती है। उसकी हार्ट की पूरी जांच करवाने के बाद डेंगू की जांच कराई गई तो वायरस पॉजिटिव मिला।
डॉक्टरों के मुताबिक डेंगू का यह बदला रूप और ज्यादा जानलेवा है। पहले डेंगू के मरीजों के लिवर और किडनी पर इसका असर दिख रहा था। अब हार्ट पर असर काफी गम्भीर बात है। इससे इलाज का पूरा प्रबंधन बदल जाता है। इसके साथ ही डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीजों का ब्लड प्रेशर लो हो रहा है। कुछ डेंगू पीडि़तों की पल्स रेट 40 तक पहुंच गई। हैलट अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एसके गौतम के मुताबिक उन्होंने दो मरीजों को देखा है जिन्हें डेंगू के साथ हार्ट की भी दिक्कत है। इनमें एक युवक तो आईसीयू में भर्ती है। उसकी हार्ट की पूरी जांच करवाने के बाद डेंगू की जांच कराई गई तो वायरस पॉजिटिव मिला।
डेंगू पर डॉक्टरों ने दी राय
डॉ. दिवाकर तिवारी के मुताबिक बच्चे, बूढ़े और गर्भवती महिलाएं, इन्हें बचाव की दवा देनी चाहिए। सस्ती दवा उपलब्ध है। अगर डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव भी है तो दो दिनों के इलाज में बीमारी बढ़ेगी नहीं। दूसरी ओर डॉ. हेमंत मोहन ने बताया कि होम्योपैथिक में जांच रिपोर्ट की कोई जरूरत नहीं है। कराएं या नहीं कराएं। लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है। इलाज भी मरीजों की स्थिति को देख दिया जाता है। डॉ. आरके वशिष्ठ बताते हैं कि लक्षण के आधार पर दवा दी गई। अहम बात यह है कि डेंगू के इलाज को जो दवाएं दी जाती हैं मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। मरीज गम्भीर नहीं हो पाते। डॉ. आनंद त्रिवेदी की मानें तो शुरुआत में ही मरीज को तीन दिन की दवा दी जाती है। 72 घंटे में बीमारी कंट्रोल हो जाती है। अधिकतम पांच से सात दिन दवाओं की खुराक चलती है।
डॉ. दिवाकर तिवारी के मुताबिक बच्चे, बूढ़े और गर्भवती महिलाएं, इन्हें बचाव की दवा देनी चाहिए। सस्ती दवा उपलब्ध है। अगर डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव भी है तो दो दिनों के इलाज में बीमारी बढ़ेगी नहीं। दूसरी ओर डॉ. हेमंत मोहन ने बताया कि होम्योपैथिक में जांच रिपोर्ट की कोई जरूरत नहीं है। कराएं या नहीं कराएं। लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है। इलाज भी मरीजों की स्थिति को देख दिया जाता है। डॉ. आरके वशिष्ठ बताते हैं कि लक्षण के आधार पर दवा दी गई। अहम बात यह है कि डेंगू के इलाज को जो दवाएं दी जाती हैं मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। मरीज गम्भीर नहीं हो पाते। डॉ. आनंद त्रिवेदी की मानें तो शुरुआत में ही मरीज को तीन दिन की दवा दी जाती है। 72 घंटे में बीमारी कंट्रोल हो जाती है। अधिकतम पांच से सात दिन दवाओं की खुराक चलती है।