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कानपुर की सभी टेनरियां अनिश्चितकाल के लिए बंद, लाखों हुए बेरोजगार

locationकानपुरPublished: Oct 04, 2019 01:14:53 pm

शहर की सभी 122 टेनरियों में ताला लटका, सफाई के बहाने रोजगार पर संकट

कानपुर की सभी टेनरियां अनिश्चितकाल के लिए बंद, लाखों हुए बेरोजगार

कानपुर की सभी टेनरियां अनिश्चितकाल के लिए बंद, लाखों हुए बेरोजगार

कानपुर। आठ माह की बंदी झेलने के बाद करोड़ों का नुकसान झेल चुकीं शहर की सभी ९४ टेनरियों को फिर से बंद करा दिया गया। जिसके चलते लाखों लोगों के हाथों से रोजगार छिन गया। टेनरियों को फिलहाल अनिश्चितकाल के लिए बंद करने के आदेश से टेनरी मालिक फिर लंबे नुकसान में आ जाएंगे। इतना ही नहीं जिन 28 टेनरियों को माघ मेले के दौरान भी चलाने की छूट थी वो भी नए आदेश के तहत बंद कर दी जाएंगी। अब इन्हें मिलाकर चालू की गईं 122 टेनरियों का भी संचालन नहीं हो सकेगा।
जलनिगम के पाले में गई गेंद
शासन ने टेनरियों बंद करने के आदेश के पीछे वजह बताते हुए कहा है कि जब तक सीईटीपी की सफाई जल निगम नहीं कर लेता तब तक कोई टेनरी नहीं चलने पाएगी। दूसरी ओर जल निगम यह दावा कर रहा है कि 30 अक्तूबर तक जाजमऊ स्थित सीईटीपी की सफाई कर ली जाएगी, अब अगर जल निगम अपने दावे पर खरा उतरता है तो अगले महीने टेनरियों को खोले जाने की स्थिति बन सकती है। जल निगम द्वारा सीईटीपी की सफाई के कारण अब तक खोली गईं सारी टेनरियों का डिस्चार्ज गंगा में जा रहा है।
जल निगम ने बरती लापरवाही
टेनरी संचालकों का तर्क है कि जब आठ माह तक टेनरियों को बंद रखा गया था तो उस वक्त ट्रीटमेंट प्लांट की सफाई क्यों नहीं हुई? तब सफाई के लिए जलनिगम के पास पर्याप्त समय था। अब जब टेनरियों को खोला गया तो सीईटीपी की भी सफाई शुरू हो गई। तब यह कहा गया कि बारिश के दौरान गंगा में डिस्चार्ज जाने से कोई दिक्कत नहीं होगी। प्लांट की सफाई में ज्यादा से ज्यादा दो माह का वक्त लगता मगर अब इसका खामियाजा टेनरी मालिकों को भुगतना पड़ेगा।
बंदी के कारण पलायन करने लगे टेनरी संचालक
पिछले वर्ष 18 नवंबर 2018 से ही शहर की सभी टेनरियों को बंद कर दिया गया था। बाद में एक पंपिंग स्टेशन से कनेक्ट 28 टेनरियों को चालू किया गया मगर बाकी को बंद रखा गया। जिसके चलते तमाम टेनरी संचालक कानपुर से पलायन कर कोलकाता पहुंच गए थे। लंबी जांच के बाद 28 अगस्त 2019 को टेनरियों को खोला जाना शुरू हुआ। अभी 122 टेनरियां चल रहीं थीं। बाकी 261 टेनरियों के मानकों की जांच होनी बाकी थी। अब फिर से सारी टेनरियां बंद होने से चमड़ा उद्योग प्रभावित होगा। आठ माह में बंदी के दौरान टेनरियों के कारोबार पर काफी असर पड़ चुका है।

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