लक्ष्मीपत सिंहानिया इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी के विशेषज्ञों ने शोध के बाद इसका खुलासा किया है। संस्थान के डॉक्टर अब इससे निजात दिलाने की तैयारी में लगे हैं। मस्तिष्क से भूख नियंत्रित करने वाले हारमोन पर काबू करके हाई ब्लड प्रेशर को ठीक किया जाएगा। इलाज के लिए यहां आने वाले ऐसे मरीजों की पड़ताल भी शुरू कर दी गई है। अभी तक इस हारमोन पर दुनिया भर में कई स्तरों पर रिसर्च चल रहा है लेकिन डॉक्टर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके हैं।
यह हारमोन बड़ा रिस्क फैक्टर है लेकिन इसे विभिन्न तरह की दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है, हालांकि इस पर कुछ विशेष तरह की दवाएं ही काम करेंगी। कार्डियोलॉजी के डॉक्टरों के मुताबिक रिसर्च के दौरान पाया गया कि इसका ब्लड प्रेशर बढ़ाने और कम करने में सीधा संबंध है। रिसर्च के तहत डॉक्टरों ने उन मरीजों की स्क्रीनिंग शुरू भी कर दी है जिन्हें ब्लड प्रेशर के साथ मोटापा भी है। शोधकर्ता वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट प्रो. रमेश ठाकुर का कहना है कि लेप्टिन और रक्तचाप के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है। औसत रक्तचाप और लेप्टिन के बीच उम्र और बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के संबंध की जानकारी मिल चुकी है। अब इससे होने वाली दिक्कतों को समझना और उसका समाधान जरूरी है।
जब भी किसी व्यक्ति के शरीर में भूख का हारमोन अनियंत्रित होता है तो बिना किसी कारण वजन व कमर पर चर्बी बढऩे लगती है और हर समय थकान महसूस होती है। व्यक्ति को थकान के बाद भी नींद नहीं आती और गैस, कब्ज व बदहजमी की परेशानी बढ़ जाती है। ऐसे में तनाव, चिंता और चिड़चिड़ापन बढ़ता है और बहुत पसीना आने, बालों का झडऩा, ज्यादा प्यास लगना, ज्यादा ठंड या गर्मी लगने की समस्या खड़ी होने लगती है।