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कानपुर

यूपी बोर्ड परीक्षा: बोर्ड की गलती और विद्यालयों की सुस्ती, अब छात्रों पर आयी यह जिम्मेदारी

मशीन ट्रांसलेशन से हुईं बड़ी गड़बडिय़ां, छात्र वेबसाइट पर चेक कर लें नामपरीक्षा से पहले ही समय रहते प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र देकर करा लें सुधार

कानपुरFeb 03, 2020 / 03:17 pm

आलोक पाण्डेय

यूपी बोर्ड परीक्षा: बोर्ड की गलती और विद्यालयों की सुस्ती, अब छात्रों पर आयी यह जिम्मेदारी

यूपी बोर्ड परीक्षा: बोर्ड की गलती और विद्यालयों की सुस्ती, अब छात्रों पर आयी यह जिम्मेदारी

कानपुर। फरवरी महीने में ही बोर्ड परीक्षा होनी है। महज १५ दिन का समय शेष है, और बड़ी चूक सामने आयी है। मशीन ट्रांसलेशन की वजह से कई छात्रों के साथ-साथ उनके माता-पिता के नाम भी गलत हो गए हैं। गलती देर से पकड़ में आयी तो बोर्ड ने नामों में सुधार भी कराया लेकिन अभी भी बड़े पैमाने पर गलतियां हैं। इसलिए बोर्ड ने अब यह जिम्मेदारी छात्रों पर डाल दी है। छात्र प्रधानाचार्य के जरिए अपने नाम, माता-पिता के नाम के अलावा जन्मतिथि में हुई गलती को सही करवा सकते हैं।
हिंदी में भी छपा होगा नाम
पहली बार यूपी बोर्ड सत्र 2019-20 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के अंकतालिकाओं में छात्र-छात्रा और उनके माता-पिता का नाम अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी देगा। इसके लिए बोर्ड ने अंग्रेजी में फॉर्म भरवाए और अपने स्तर पर मशीन ट्रांसलेशन कर दिया। मशीन अनुवाद के चलते बड़ी संख्या में छात्रों और उनके माता-पिता के नाम हिंदी में गलत हो गए। बोर्ड ने सुधार भी कराया लेकिन विद्यालयों की उदासीनता के चलते अभी भी त्रुटियों से राहत नहीं मिल पाई है।
बोर्ड ने दी राहत
यूपी बोर्ड ने पहली बार छात्र व अभिभावकों के नाम व जन्मतिथि में सुधार के लिए जिम्मेदारी सीधे छात्रों को दे दी है। छात्र या अभिभावक स्वयं यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर यह देख सकता है कि उसका नाम, माता-पिता का नाम व जन्मतिथि अंग्रेजी और हिंदी में सही लिखे हैं या नहीं। अगर गलत लिखा है तो उसके सुधार के लिए प्रधानाचार्य को प्रार्थनापत्र दे दें। सुधार प्रधानाचार्य के स्तर से कराया जाएगा।
इस तरह करें चेक और कराएं सुधार
बोर्ड की वेबसाइट upmsp.edu.in पर जाएं। पहले अपने जनपद का नाम चुनें। फिर विद्यालय के नाम का चयन करें। अपने नाम के दो अक्षर लिखें। सभी मिलते जुलते नाम आ जाएंगे। अपना नाम चुनकर उसे चेक करें। बोर्ड सचिव ने भेजे निर्देशों में स्पष्ट किया है कि वह प्रधानाचार्यों के स्तर से संशोधन के लिए अपना लिंक खोलेगा। प्रधानाचार्य सुधार कर सकेंगे।

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