राष्ट्रपति के स्वागत के लिए लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। गांव पहुंचते ही लोगों का सालों का इंतजार खत्म हो गया। गांव पहुंचते ही राष्ट्रपति सबसे पहले पथरी देवी मंदिर पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और उनकी बेटी भी मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उनके साथ मंदिर पहुंचीं। राष्ट्रपति ने पथरी देवी मंदिर में माथा टेका और परिक्रमा की।करीब 15 मिनट तक विधि-विधान से पुजारी कृष्ण कुमार बाजपेई ने पूजा संपन्न कराई। साथ लाए फलों और मिष्ठान से राष्ट्रपति ने पथरी माता को भोग लगाया और गांव के लोगों के लिए मंगल कामना की।
पूजन के दौरान उन्होंने देवी के चरणों में 11 हजार रुपये अर्पित किए। पुजारी को 11 सौ रुपये भेंट दी। पूजन के बाद राष्ट्रपति ने अपनी बेटी, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पथरी देवी मंदिर के महत्व और अपने पिता मैकूलाल की मंदिर के प्रति निष्ठा के बारे में भी बताया। इसके बाद यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सम्बोधन के दौरान लोगों को कोरोना वायरस से सचेत रहने की सलाह देने के साथ-साथ कानपुर देहात में मेडिकल कॉलेज की घोषणा की। वहीं मंच से राष्ट्रपति के संबोधन से पूर्व ग्रामीणो ने हाथ उठाकर उनका अभिवादन किया। मुस्कराते चेहरे से राष्ट्रपति ने भी हाथ उठाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।
इसके बाद उन्होंने संबोधित करते हुए बचपन की भूली बिसरी यादों का बखान किया। गांव की गलियों की उछलकूद और सहपाठियों के साथ मस्ती की वो पुरानी यादें ताजा कर दीं। इस बीच उन्होंने कुछ लोगों का नाम लेकर याद किया तो लोग खुशी से झूम उठे। प्रारंभिक शिक्षा के दौर में मित्रों के साथ बाग-बगींचों के लड़कपन की बातें दोहराई। करीब आधे घंटे के संबोधन के दौरान उन्होंने सभी को गुदगुदाया और फिर जल्द ही पुनःअपने गांव वापसी आने का वादा कर रवाना हो गए।