scriptयूपी में नहीं थम रहा शवों का नदियों में प्रवाहित करने का सिलसिला, खतरे में नमामि गंगे मिशन | The process of transporting dead bodies in rivers not stopping in UP | Patrika News

यूपी में नहीं थम रहा शवों का नदियों में प्रवाहित करने का सिलसिला, खतरे में नमामि गंगे मिशन

locationकानपुरPublished: May 14, 2021 02:16:01 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

जीवनदायिनी माने जाने वाली गंगा नदी पर भी गहराया बड़ा संकट

Namami Gange Mission

The process of transporting dead bodies in rivers not stopping in UP

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में बीते एक हफ्ते से नदियों में शव मिलने का सिलसिला जारी है। जोकि थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। हमीरपुर और महोबा में यमुना नदी हो या फिर बदायूं से लेकर बलिया तक गंगा, इनमें शव लगातार मिलते ही जा रहे हैं। कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण काल में लोगों के साथ ही अब जीवनदायिनी माने जाने वाली गंगा नदी पर भी बड़ा संकट गहरा रहा है। मोक्षदायिनी मानी जाने वाली गंगा नदी के साथ ही यमुना, गोमती और अन्य नदियों या फिर उनके तट पर रोज सैकड़ों शव मिल रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण से मृत लोगों के परिवारिवाजन या तो इनके शवों को बहा दे रहे हैं या फिर आधे जले शवों को नदी के पास छोड़कर इतिश्री कर ले रहे हैं। इसके बाद की सारी कसर सरकारी नुमाइंदे, घाट पर रहने वाले लोग या फिर जानवर कर दे रहे हैं।

नदियों के अलावा लोग नहरों में भी शवों को फेंकने में संकोच नहीं कर रहे हैं। इनको शायद अंदेशा नहीं है कि जिन लोगों ने यह काम बला टालने के लिए किया है, वह उनके ही सिर पर पड़ेगा। यूपी सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारियों को आदेश दिए हैं कि जांच की जाए कि नदियों में शव कहां से आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा है कि यह पता किया जाए कि ये शव कोरोना संक्रमण से मृत लोगों के थे।

वहीं कानपुर और उन्नाव में घाट पर जगह नहीं मिलने पर लोग गंगा नदी के किनारे ही शवों को ठिकाने लगा दे रहे हैं। इन शवों को उचित गहराई में दफन भी नहीं किया जा रहा है। तेज हवा चलने दफन सारे शव ऊपर आने लगे हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में शवों को नदियों में सीधे बहा दिया जा रहा है। इनमें भी ज्यादातर शव कोरोना वायरस संक्रमण से मृत लोगों के हैं। उन्नाव के बाद कानपुर में भी लोग शव दफन कर रहे हैं। खेरेश्वर घाट पर शवों को दफनाया जा रहा है। सरकार के अंत्येष्टि के लिए पांच हजार रुपये प्रति शव देने की घोषणा सिर्फ कागजों पर ही है।

ये भी पढ़ें – काशी में मां गंगा 2021 में ही हो जाएगी प्रदूषण मुक्त, नही गिरेंगे एक भी नाले

नदियों में शवों के जल विसर्जन पर होगी कड़ी कार्रवाई

वाराणसी और पास के जिलों बलिया, गाजीपुर और चंदौली में भी शवों का नदी में प्रवाहित करने का सिलसिला थम नहीं रहा है। सरकार की तरफ से बलिया और गाजीपुर में शवों को प्रवाहित करने पर रोक के बाद भी लोग मान नहीं रहे हैं। वाराणसी में आज चार शव मिले हैं। गंगा नदी के अलग-अलग हिस्सों में गुरुवार को चार शव उतराते मिले हैं। उधर, गाजीपुर में भी गंगा व गोमती नदी में बड़ी संख्या में शव मिलने के बाद डीएम ने कहा कि अब नदियों में शवों के जल विसर्जन पर कड़ी कार्रवाई होगी। इस बीच बिहार बॉर्डर पर बक्सर पुलिस ने गंगा नदी में जाल लगाया है, जिससे कि बलिया से आने वाले शव को रोका जा सके।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो