जलकल ने 4 ठेकेदारों को नए हैंडपंप लगाने और रिबोर कराने का कार्य दिया है. नए हैंडपंप की लागत 65,000 रुपए और रिबोर कराने की लागत 55,000 रुपए रखी गई है. मानक से कई गुना लागत देने के बाद भी ठेकेदार हैंडपंप लगाने में घोर अनियमितता बरत रहे हैं. एसआई मार्क का हैंडपंप न लगाकर लोकल हैंडपंप लगाया जा रहा है, यही नहीं 1 दिन बाद ही हैंडपंप से पानी निकलना बंद हो गया है.
हैंडपंप लोकल होने की वजह से चैन और उसका सिलेंडर भी टूट रहा है. शास्त्री नगर पार्षद राघवेंद्र मिश्रा ने बताया कि उनके वार्ड में लगाए गए 2 नए हैंडपंप लोकल हैं और स्थानीय लोगों की शिकायत पर चेक किया तो हैंडपंप से पानी भी नहीं आ रहा था. महापौर से शिकायत की है.
कार्य में लापरवाही बरतने पर ठेकेदारों को जलकल ने नोटिस जारी किए हैं. लेकिन इसके बाद भी कार्य में घोर लापरवाही बरती जा रही है. पार्षदों ने जलकल के अधिकारियों पर 15 परसेंट कमीशन लेने का आरोप भी लगाया गया है. पार्षदों ने आरोप लगाया कि मानकों के मुताबिक हैंडपंप को 200 फीट तक रिबोर किया जाना चाहिए, लेकिन पाइप में पानी आते ही रिबोर करना बंद कर दिया जाता है और हैंडपंप लगा दिया जाता है.
वहीं थोड़ा जलस्तर नीचे जाते ही हैंडपंप पानी देना बंद कर देता है. वहीं जलकल और अधिकारियों की साठ-गांठ के चलते पहले ही शहर में 4,900 हैंडपंप खराब पड़े हैं. मौजूदा समय में 110 वार्डों के हिसाब से 220 नए और 220 हैंडपंप रिबोर कराने का कुल बजट 2 करोड़ 64 लाख रुपए है.
इस बारे में जलकल सचिव आरबी राजपूत कहते हैं कि लोकल हैंडपंप लगाने का मामला संज्ञान में आया है. इसकी जांच कराई जाएगी. दोषी ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.