scriptगड़बड़झाले ने हैंडपंप को भी नहीं छोड़ा, ये भी चढ़े भ्रष्टाचार की भेंट | The quality of HandPumps in Wards is very poor | Patrika News

गड़बड़झाले ने हैंडपंप को भी नहीं छोड़ा, ये भी चढ़े भ्रष्टाचार की भेंट

locationकानपुरPublished: Sep 06, 2018 03:31:36 pm

शहर में लगभग 1 चौथाई आबादी आज भी पानी के लिए हैंडपंप पर आश्रित है. ऐसे में बड़ी मुरादों के बाद शहर के प्रत्येक वार्ड में 2-2 नए हैंडपंप लगाए जाने हैं, लेकिन वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं. 30 मार्च को कार्यकारिणी की बैठक में प्रत्येक क्षेत्र में 2-2 हैंडपंप और 2-2 हैंडपंप रिबोर कराने का प्रस्ताव पास हुआ था.

Kanpur

गड़बड़झाले ने हैंडपंप को भी नहीं छोड़ा, ये भी चढ़े भ्रष्टाचार की भेंट

कानपुर। शहर में लगभग 1 चौथाई आबादी आज भी पानी के लिए हैंडपंप पर आश्रित है. ऐसे में बड़ी मुरादों के बाद शहर के प्रत्येक वार्ड में 2-2 नए हैंडपंप लगाए जाने हैं, लेकिन वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं. 30 मार्च को कार्यकारिणी की बैठक में प्रत्येक क्षेत्र में 2-2 हैंडपंप और 2-2 हैंडपंप रिबोर कराने का प्रस्ताव पास हुआ था. अब इन हैंडपंपों को लगाने का काम शुरू किया गया है, लेकिन जलकल कर्मियों की साठगांठ के चलते हैंडपंप लगाने में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर लाखों के वारे-न्यारे किए जा रहे हैं. हैंडपंप में लगाया जाने वाला सामान भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है. पार्षदों ने महापौर से मिलकर मामले की शिकायत की है. इसके बाद महापौर ने जांच कराने की बात कही है.
बरती जा रही है लापरवाही
जलकल ने 4 ठेकेदारों को नए हैंडपंप लगाने और रिबोर कराने का कार्य दिया है. नए हैंडपंप की लागत 65,000 रुपए और रिबोर कराने की लागत 55,000 रुपए रखी गई है. मानक से कई गुना लागत देने के बाद भी ठेकेदार हैंडपंप लगाने में घोर अनियमितता बरत रहे हैं. एसआई मार्क का हैंडपंप न लगाकर लोकल हैंडपंप लगाया जा रहा है, यही नहीं 1 दिन बाद ही हैंडपंप से पानी निकलना बंद हो गया है.
लोकल हैं सारे हैंडपंप
हैंडपंप लोकल होने की वजह से चैन और उसका सिलेंडर भी टूट रहा है. शास्त्री नगर पार्षद राघवेंद्र मिश्रा ने बताया कि उनके वार्ड में लगाए गए 2 नए हैंडपंप लोकल हैं और स्थानीय लोगों की शिकायत पर चेक किया तो हैंडपंप से पानी भी नहीं आ रहा था. महापौर से शिकायत की है.
थमाया गया नोटिस
कार्य में लापरवाही बरतने पर ठेकेदारों को जलकल ने नोटिस जारी किए हैं. लेकिन इसके बाद भी कार्य में घोर लापरवाही बरती जा रही है. पार्षदों ने जलकल के अधिकारियों पर 15 परसेंट कमीशन लेने का आरोप भी लगाया गया है. पार्षदों ने आरोप लगाया कि मानकों के मुताबिक हैंडपंप को 200 फीट तक रिबोर किया जाना चाहिए, लेकिन पाइप में पानी आते ही रिबोर करना बंद कर दिया जाता है और हैंडपंप लगा दिया जाता है.
जलस्‍तर हुआ नीचे, खराब हुआ हैंडपंप
वहीं थोड़ा जलस्तर नीचे जाते ही हैंडपंप पानी देना बंद कर देता है. वहीं जलकल और अधिकारियों की साठ-गांठ के चलते पहले ही शहर में 4,900 हैंडपंप खराब पड़े हैं. मौजूदा समय में 110 वार्डों के हिसाब से 220 नए और 220 हैंडपंप रिबोर कराने का कुल बजट 2 करोड़ 64 लाख रुपए है.
ऐसा कहना है अधिकारी का
इस बारे में जलकल सचिव आरबी राजपूत कहते हैं कि लोकल हैंडपंप लगाने का मामला संज्ञान में आया है. इसकी जांच कराई जाएगी. दोषी ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो