माना जाता है कि जब तक महिलाओं में मासिक धर्म होता रहता है तब तक वे हार्टअटैक के खतरे से दूर रहती हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक मासिक धर्म के दौरान होने वाला एस्ट्रोजन हारमोन रिसाव उन्हें हृदयरोग से सुरक्षित रखता है। मासिक धर्म बंद होने के बाद ही उनमें हृदयरोग पनपता है, यह स्थिति ४० वर्ष की उम्र तक रहती है।
आईसीएमआर के शोध में यह बात सामने आयी है कि युवतियों में अब हृदयरोग का खतरा बढ़ रहा है। रिसर्च में पता चला है कि तनाव अधिक होने के कारण एस्ट्रोजन सुरक्षा चक्र टूटने से हृदयरोग के मामले बढ़ रहे हैं। यह शोध अंतरराष्ट्रीय स्तर के जर्नल इंडियन फार्मास्युटिकल एजूकेशन एंड रिसर्च के ताजा अंक में भी प्रकाशित हुआ था।
कार्डियोलॉजी के निदेशक प्रो. विनय कृष्णा और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. उमेश्वर पांडेय की टीम ने इसके लिए रिसर्च किया। टीम में पीएसआईटी के फार्मेसी विभाग के विशेषज्ञ भी थे। इसके लिए करीब तीन सौ महिलाओं पर रिसर्च की गई। उनके दो समूह बनाए गए जिसमें २० से ४० साल की महिलाएं शामिल थीं। उनकी जीवनशैली के आधार पर होने वाले हार्मोन्स बदलाव के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
विशेषज्ञों के मुताबिक महिलाओं को जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए। इसके लिए उन्हें कम से कम ३० मिनट तक शारीरिक व्यायाम जरूरी है। इस खतरे से बचने के लिए पूरी नींद लेना जरूरी है साथ ही पौष्टिक आहार भी लें। जो महिलाएं नशीले पदार्थों का सेवन करती हैं उनके लिए खतरा ज्यादा है, इसलिए नशे से दूर रहें। योग से तनाव को दूर रखने में मदद मिलती है।