यातायात की अव्यवस्था मुख्य वजह
हाईवे पर वाहनों को व्यवस्थित तरीके से निकालने के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिस कारण यह समस्या है। चाहे पुलिस हो, जिला प्रशासन या हाईवे अथॉरिटी, किसी को इससे मतलब नहीं है। हाईवे होने की वजह से वाहनों का दबाव भरपूर है, लेकिन ट्रैफिक रूल्स का पालन न होने से यह समस्या बड़ी हो जाती है। जहां हर घंटे में चार से छह हजार वाहन गुजरते हों, वहां इस तरह की लापरवाही समझ में नहीं आती।
हाईवे पर वाहनों को व्यवस्थित तरीके से निकालने के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिस कारण यह समस्या है। चाहे पुलिस हो, जिला प्रशासन या हाईवे अथॉरिटी, किसी को इससे मतलब नहीं है। हाईवे होने की वजह से वाहनों का दबाव भरपूर है, लेकिन ट्रैफिक रूल्स का पालन न होने से यह समस्या बड़ी हो जाती है। जहां हर घंटे में चार से छह हजार वाहन गुजरते हों, वहां इस तरह की लापरवाही समझ में नहीं आती।
बुंदेलखंड से आने जाने वाले ट्रक लगाते लंबी लाइन
खनन का काम होने की वजह से बुंदेलखंड के हमीरपुर, महोबा और चित्रकूट आदि जिलों से आने-जाने वाले ट्रकों के लिए भी यही रूट है, जिससे वाहनों का अतिरिक्त लोड बढ़ जाता है। इसके अलावा गल्लामंडी होने की वजह से भी लोडिंग-अनलोडिंग का काम होता है। जिससे जाम की स्थिति पैदा होती है।
खनन का काम होने की वजह से बुंदेलखंड के हमीरपुर, महोबा और चित्रकूट आदि जिलों से आने-जाने वाले ट्रकों के लिए भी यही रूट है, जिससे वाहनों का अतिरिक्त लोड बढ़ जाता है। इसके अलावा गल्लामंडी होने की वजह से भी लोडिंग-अनलोडिंग का काम होता है। जिससे जाम की स्थिति पैदा होती है।
फ्लाईओवर की जरूरत
स्थानीय लोगों के मुताबिक नौबस्ता चौराहे से राजीव पेट्रोल पंप तक फ्लाईओवर बन जाए तो समस्या काफी कम हो सकती है। इससे आबादी और मार्केट एरिया में वाहनों का दबाव कम हो जाएगा और जाम की समस्या से भी कुछ हद तक राहत मिलेगी।
स्थानीय लोगों के मुताबिक नौबस्ता चौराहे से राजीव पेट्रोल पंप तक फ्लाईओवर बन जाए तो समस्या काफी कम हो सकती है। इससे आबादी और मार्केट एरिया में वाहनों का दबाव कम हो जाएगा और जाम की समस्या से भी कुछ हद तक राहत मिलेगी।