क्या है पूरा मामला
नरवल तहसील के नसरा गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत टॉयलेट का निर्माण होना था। ग्रामीणों ने ग्रामप्रधान रेनू तोमर से टॉयलेट बनवाए जाने की मांग की। ग्रामप्रधान ने सचिव अनिल शाक्य के साथ गांव में बैठक की। सचिव ने सरकारी कोश में पैसे नहीं होने के बहाना कर ग्रामीणों से खुद की रकम से टॉयलेट निर्माण की बात कही। करीब 100 से ज्यादा ग्रामीणों ने टॉयलेट बनवा लिए। गांव के रामचरन के मुताबिक जब हमनें सचिव से सरकारी राशि देने को कहा तो पहले वह हमें टहलाता रहा। रामचरन का आरोप है कि सचिव ने ग्रामीणों से पैसे देने के बदल 2 हजार रिश्वत मांगी।
डीएम से की शिकायत
ग्रामीण अनिल ने बताया कि गांव से करीब पचास लोग सीधे डीएम विजय विश्वास से मिले। उन्हें पूरे मामले की जानकारी देते हुए एक शिकायती पत्र सौंपा था। डीएम ने जांच के बाद ग्राम सचिव के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया था। पंद्रह दिन बीत जाने के बाद जब पूरे प्रकरण की जांच नहीं हुई तो ग्रामप्रधान के साथ हमलोग तहसील दिवस पर फिर से डीएम से मिले। जिस पर उन्होंने जल्द से जल्द एक टीम का गठन कर जांच कराए जाने का भरोसा दिया था।
जेवर रखकर बनवाया टॉयलेट
महिला मायादेवी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन को कामयाब बनाने के लिए मैंने अपने जेवरात रख कर टॉयलेट का निर्माण करवाया। ग्राम सचिव से सरकारी मदद की रकम मांगी, लेकिन उसने 2 हजार की डिमांड कर दी। मायादेवी का आरोप है कि ग्राम सचिव से लेकर ऊपर तक के अधिकारी सरकारी योजनाओं को देने के नाम पर रिश्वत ले रहे हैं। मायादेवी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि डीएम और सीडीओ के खिलाफ जांच कराएं।
जेल भिजवाने की दी धमकी
ग्रामीण अरविंद, पृश्वीराज सहित अन्य ने बताया कि शनिवार को ग्राम सचिव से बात की थी, लेकिन हमें सबको फर्जी मुकदमा दर्ज करा जेल भिजवाने की धमकी दी। हमनें पूरे प्रकरण की बीडीओ को दी, पर उन्होंने सुनवाई नहीं की। सरकार द्धारा मिली करीब 3 लाख 60 हजार की रकम पाने के लिए हमसब ने अपने सिर के बाल मुड़वा दिए और इन्हें बेचकर ग्राम सचिव को रिश्वत की रकम देंगे।
इसलिए नहीं हो रही जांच
रामप्रसाद साहू का आरोप है कि ग्राम सचिव के एक भाजपा के कद्दावर नेता के बेटे से अच्छे संबंध हैं। भाजपा के बेटे के कहने पर अलाधिकारी उस पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं। आशादेवी गांव के एक किसान से ब्याज में पैसे लेकर टॉयलेट लेकर बनवाया था। ग्राम सचिव ने उस वक्त कहा था कि जैसे ही पैसे आएंगे वैसे आपका भुगतान कर दिया जाएगा। पर ऐसा हुआ नहीं। बारिश ने फसल बर्बाद कर दी तो टॉयलेट की ली रकम का ब्याज बड़ता जा रहा है।
कुछ इस तरह से बोले जिम्मेदार
नरवल एसडीएम रिजवाना खातून से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरी जानकारी में ऐसा कोई मामला नहीं आया। कुछ दिन पहले ही मैंने ज्वाइनिंग ली है। फिर भी इस प्रकरण की मैं खुद जांच करूंगी और दोषी पाए जाने पर ग्राम सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। महिला ग्राम प्रधान रेनू सिंह ने बताया कि भाजपा सरकार बनने के बाद ग्राम सचिव ने सरकारी मदद की हर योजनाओं में उगाही शुरू कर दी। हमनें विरोध किया तो जेल भिजवाने की धमकी दी। ग्राम सचिव से उनकी राय जानी गई तो उन्होंने बात करने से साफ इंकार कर दिया।