कटरी का कांवेंट कहे जाने वाले इस विद्यालय की खास बात यह है कि जब से यह स्थापित है तब से यहां बच्चों की हाजिरी 99-100 फीसदी तक रहती है। वर्तमान में यहां 70 बालक और 77 बालिकाएं हैं। स्कूल इनकी निगरानी और मदद करता रहता है। छात्रा पूजा ने पीपीएन डिग्री कॉलेज में एमए प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया है। एक वरिष्ठ शिक्षिका ने उसे इस मंजिल तक पहुंचाया है।
स्कूल में नियमित रूप से क्यूआर कोड से पढ़ाई कराई जाती है। इसमें बच्चे खूब रुचि लेते हैं। यहां पढऩे वाले बच्चे आठवीं के बाद पढ़ाई नहीं छोड़ते हैं। स्कूल को आदर्श बनाने में प्रधानाध्यापिका शशी मिश्रा, सहायक अध्यापक अब्दुल कुद्दूस खान, कल्पना सिंह, फिरदौस जहां, विजय यादव, पुष्पेंद्र व दीपा शुक्ला की अहम भूमिका रही है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अतीक अहमद का भी योगदान कम नहीं है। यहां की प्रधान ननकी देवी और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष सुखदेव निषाद भी अहम भूमिका निभाते हैं। प्रधानाध्यापिका शशी मिश्रा ने बताया कि एक दशक से ज्यादा की मेहनत के बाद स्कूल बुलंदियों पर पहुंचा है। बच्चे स्कूल छोडऩे के बाद उच्च शिक्षा में जा रहे हैं।