मिली जानकारी के मुताबिक भोगनीपुर क्षेत्र के हरदुआ ऐमा गांव में एक महिला की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। बताया गया कि घरवाले उसके शव को गांव के पास बने कब्रिस्तान में दफनाने की तैयारी में जुटे थे। इस दौरान गांव निवासी अब्दुल हक ने फोन पर पुलिस को जानकारी दी कि उनके गांव में एक महिला की कोरोना से मौत हो गई है। परिजन महिला के शव को उसकी निजी जमीन पर दफनाने जा रहे हैं। जानकारी मिलते ही पुलिस कर्मियों ने खलबली मच गई। तत्काल पुखरायां चौकी इंचार्ज अतुल गौतम ने गांव पहुंचकर जानकारी की।
वहीं मृतका के परिजनों ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी ने एक माह पहले एक बच्चे को जन्म दिया था। बाद में उस नवजात की मौत हो गई थी। उसके बाद से पत्नी बीमार चल रही थी, हालांकि घर पर ही इलाज चल रहा था। अचानक रविवार को उसकी हालत बिगड़ने पर मौत हो गई। उसने कहा कि गांव के अब्दुल हक ने कब्रिस्तान के बगल में पड़ी अपनी भूमि पर शव दफनाने की सूचना देते हुए कोरोना की बीमारी होने की सूचना पुलिस को दी है, जो कि गलत सूचना दी है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी आशा सिंह पाल सहित कोतवाल चन्द्रशेखर दुबे गांव पहुंचे और मामले की जांच पड़ताल की। इस बीच अब्दुल हक पुलिस को कब्रिस्तान की जमीन को अपनी जमीन बताने लगा। जिस पर पुलिस ने लेखपाल अवधेश कुमार को बुलाकर भूमि की जांच कराई। जांच कर लेखपाल ने सूचना देने वाले के दावे को गलत बताया। इस पर पुलिस ने अब्दुल हक को समझा-बुझाकर शांत कराया और सुरक्षा की दृष्टिकोण से शव को पीपी किट में पैककर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। कोतवाल चन्द्रशेखर ने बताया कि भूमि विवाद में गलत खबर दी गई थी। सुरक्षा की दृष्टि से शव सुरक्षित करके पीएम को भेजा गया है। साथ ही घरवालों को घर पर ही क्वारंटाइन रहने को कहा गया है।