नई टीम में इन चेहरों को नहीं दी गई जगह, सलिल विश्नोई के साथ इनका रूतबा बरकरार
कानपुर के दो नेताओं को नहीं मिली जगह, प्रदश अध्यक्ष की टीम में तीन का ओहदा बढ़ा

कानपुर, लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र पांडेय ने अपनी नई टीम का गठन कर दिया। मिशन 2019 को देखते हुए कानपुर के दो नेता टीम में अपनी जगह नहीं बचा पाए। वहीं पूर्व विधायक सलिल विश्नोई के कद में बढ़ोतरी करते हुए उन्हें महांमत्री बनाया गया है। साथ ही पूर्व जिलाध्यक्ष ग्रामीण देवेश कोरी, क्षेत्रीय महामंत्री संगठन प्रकाश पाल को प्रदेश मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। आर्यनगर से विधानसभा चुनाव लड़ चुके व प्रदेश मंत्री रहे सुरेश अवस्थी और विहिप नेता प्रकाश शर्मा को लोकसभा चुनाव में फिट नहीं बैठने के चलते संगठन के पदों से बाहर कर दिया गया है।
तीन नेताओं को संगठन में मिली जिम्मेदारी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी नई टीम का गठन कर लिया। इसमें कई पुराने चेहरे मौजूद हैं तो कईयों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने जातिगत और जमीन पर पकड़ रखने वाले नेताओं को अपनी टीम में ओहदा दिया है। कानपुर से तीन भाजपा नेता प्रदेश अध्यक्ष की टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे। पूर्व विधायक सलिल विश्नोई को महामंत्री तो देवेश कोरी और प्रकाश पाल प्रदेश मंत्री नियुक्त किए गए हैं। भाजपा नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष ने कानपुर के तीन नेताओं को टीम में जगह दी है जो बड़े हर्ष की बात है। नगर व ग्रामीण के पदाधिकारी व भाजपा कार्यकर्ता इनके साथ मिलकर कमल खिलाने के लिए जुट गए हैं।
जतिगत आंकड़ों के तहत मिली जगह
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने क्षत्रपों से निपटने के लिए अपनी टीम में जातिगत आंकड़ों को साधते हुए उन्हीं नेताओं को जगह दी है जिनके पास अच्छा-खासा वोटबैंक हैं। ग्रामीण में अच्छी पकड़ रखने वाले देवश कोरी और प्रकाश पाल का कई विधानसभा क्षेत्रों में अच्छी पकड़ है। दलित बाहूल्य सीट घाटमपुर में देवेश कोरी ने जबरदस्त मेहनत की और सपा व बसपा की सीट पर कमल खिलाया। देवेश कोरी के चलते सपा विधायक इंद्रजीत कोरी को हार उठानी पड़ी। देवेश ने दलित बस्तियों में जाकर बूथ एजेंट बनाए और उनके साथ चौपाल लगाकर भाजपा की नीति के बारे में लोगों को अवगत कराया।
दोआब में खड़ी कर दी थी अपनी फौज
भाजपा के प्रदेश मंत्री बनाए गए प्रकाश पाल ने सिकंदारा, जहानाबाद, बिन्दकी, महाराजपुर विधानसभा में बेतहर काम किया। 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान अवध पाल को खुद भाजपा के राष्ट्रीयस अध्यक्ष भौंती स्थित चल रही बैठक में बुलाया था और जमीनी फीडबैक मांगा था। इनके कार्य करने की कला से अमित शाह खासे गदगद थे और कयास लगाए जा रहे थे कि अवध पाल को पार्टी में जल्द ही बड़ा ओहदा मिलने वाला है। भाजपा नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि अवध पाल की टीम ने कानुपर साउथ में निकाय चुनाव के दौरान बेहतर काम किया। इसी के चलते भाजपा यहां के 25 से ज्यादा वार्डो में पहली बार जीत हासिल की।
विश्नोई, अमित शाह के करीबी
2017 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद भाजपा नेता सलिल विश्नोई पार्टी के बड़े ओहदे में विराजमान हो गए। उन्हें निकाय चुनाव से पहले बनारस का प्रभार दिया गया। इसके अलावा सलिल विश्नोई को प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों की निगरानी की जिम्मेदारी भी दी गई थी। जानकारों की मानें तो 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी इन्हें कानपुर नगर से चुनाव के मैदान पर उतार सकती है। वहीं सीसामऊ से विधानसभा चुनाव हारने के बाद सुरेश अवस्थी पार्टी में अपना पद बरकरार रखे रहे। लेकिन जमीनी एनपुट मिलने के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने सुरेश अवस्थी की संगठन से छुट्टी कर दी है।
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