कोरोना संक्रमण के कारण हॉटस्पॉट घोषित इलाकों में पुलिस के लिए काफी मुश्किल हो जाती है। यहां लॉकडाउन और पुलिस का पहरा होने के बावजूद लोग गलियों और सडक़ों पर घूमने से बाज नहीं आ रहे हैं। घनी गलियां होने के कारण पुलिस भी उनकी पहचान नहीं कर पा रही है। इस समस्या से निपटने के लिए यह डिवाइस काम आएगी। यह डिवाइस पुलिस को हॉटस्पॉट में घूमने वालों की पहचान कराएगी और उसके कपड़े गवाही देंगे। बीएनएसडी शिक्षा निकेतन के विज्ञान शिक्षक अवनीश मेहरोत्रा ने एक एप के माध्यम से फॉर्मूला बताया था, जिसके आधार पर छात्र मयंक ने डिवाइस तैयार कर ली।
इस डिवाइस में वाई-फाई कैमरा, एलडीआर सेंसर, बैट्री, ब्लूटूथ, लेजर लाइट, गन समेत अन्य उपकरण लगे हुए हैं। जिस इलाके में यह डिवाइस लगाई जाती है वहां इस डिवाइस के सामने से जब कोई व्यक्ति गुजरता है तो वह कैमरे में कैद हो जाता है। इसके बाद सेंसर द्वारा एक संदेश इलेक्ट्रानिक गन को जाता है और उस गन में भरी स्याही के छिडक़ाव से उस व्यक्ति के कपड़े पर दाग दिखने लगते हैं। ऐसे में पुलिस उसे पहचान सकती है, जो व्यक्ति हॉट स्पॉट में घूम रहा है।
छात्र मयंक ने बताया कि महज 400 रुपये में कोरोना सेफ्टी डिवाइस बनाई है। इसे बनाने का आइडिया अटल इनोवेशन मिशन की ओर से मिला। दरअसल इस संस्था द्वारा देश भर की सभी अटल टिंकरिंग लैब में काम करने वाले छात्रों को हर माह कुछ इनोवेटिव करने के लिए आइडिया भेजे जाते हैं। हॉट स्पॉट एरिया में घर से बाहर निकलने पर रोक है, इसलिए वहां यह डिवाइस कारगर साबित होगी। इसके अलावा अस्पतालों में कोविड वार्ड और क्वारंटाइन सेंटर में डिवाइस लगाई जा सकती है।