24 घंटे ड्यूटी
बिंदकी सप्लाई आफिस में बतौर एआरओ के पद पर तैनात डाॅक्टर मनोज उत्तम लाॅकडाउन के बीच 24 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं। डाॅक्टर उत्तम कानपुर के यशोदनगर में रहते हैं। वह खुद को अपने परिवार से दूर कर भूखों को रोटी मिली इसके लिए दिनरात एक किए हुए हैं। बीते 42 दिनों से डाॅक्टर उत्तम ने पत्नी, बच्चों का मुंह तक नहीं देखा है, क्योंकि वह कोरोना के खिलाफ जंग में जुटे हैं। डाॅक्टर उत्तम ने अब तक करीब डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को एक माह में राशन बंटवा चुके हैं। वह सुबह घर से निकल जाते हैं और देररात को वापस आते हैं।
कार को ही शयनकक्ष बनाया
डाॅक्टर उत्तम ने कार को ही शयनकक्ष बना लिया है। रात में उसी में सो जाते हैं। सुबह फिर से राशन वितरण में जुट जाते हैं। घर में भी अलग से कमरा सुरक्षित कर लिया है। डाॅक्टर उत्तम बताते हैं कि घर से निकलते वक्त पत्नी भोजन का टिफेन तैयार कर गेट के बाहर रख देंती हैं और हम उसे कार में रखकर गांवों की तरफ बढ़ चलते। राशन वितरण के दौरान रात होने पर कभी-कभार उसी गांव में ही कार को विस्तर बना सो जाते हैं और ये सिलसिला बदस्तूर जारी है।
ताकि दूसरा न हो संक्रमित
डाॅक्टर उत्तम कहते हैं कि कोरोना वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान के संपर्क में आने से फैलता है। यही वजह है कि हम अपने को परिवार से दूर किए हुए हैं। कहते हैं देश में इस वक्त अदृश्य दुश्मन के खिलाफ युद्ध लड़ा जा रहा है। इसे हमसब को मिलकर जीतना है। हम जिस गांव में राशन का वितरण करवाने जाते हैं तो ग्रामीणों को कोरोना के लक्षण, बचाव के तरीके और एकान्तवास का पाठ भी पढ़ाते हैं। बिन्दकी तहसील क्षेत्र के हर गरीब के घर पर राशन पहुंच रहा है और यही वजह है कि यहां एक भी कोरोना का संक्रमित केस सामने नहीं आया।
अपने खर्चे पर बांट रहे मॉस्क
डाॅक्टर उत्तम बताते हैं कि गांव में ऐसे कई ग्रामीण राशन लेने आते हैं जिनके पास मास्क व सेनेटाइजर नहीं होता है। ग्रामीणों को कोरोना से बचाने के लिए खुद के पैसे से माॅस्क व सेनेटाइजर लेकर चलते हैं। बताया, अब तक अपने पास से करीब 25 हजार रुपये के मास्क और सेनेटाइजर लोगों को बांट चुके हैं। डाॅक्टर उत्तम बताते हैं कि लाॅकडाउन के चलते बाहर से मजदूर स्कूलों में ठहरे में हैं। ऐसे में उन्हें वह खुद के पैसे से राशन की व्यवस्था भी करवा रहे हैं।
सबका मिल रहा सहयोग
डाॅक्टर उत्तम ने बताया कि इस संकट की घड़ी मे ंसबसे ज्यादा मार गरीब, मजदूर और किसानों को उठानी पड़ रही है। ऐसे में जिले के राशन विक्रेता को सख्त हिदायद दी गई है कि एक भी इंसान गांवा, कस्बों और मोहल्लों में सो नहीं पाए। कहते हैं, कोटेदारों से भी अच्छा सहयोग मिल रह। अभी तक एक भी शिकायत नहीं मिली। खुद विभाग की पूरी टीम मौके पर जाकर राशन वितरण करवा रही है। ग्रामप्रधान, ग्रामसचिव और लेखपालों को भी इस कार्य की जिम्मेदारी दी गई है।