दरअसल केस्को के क्षेत्र में हजारों की संख्या में डिफॉल्टर हैं, जिन पर करोड़ों रुपया बकाया है. बावजूद इसके डिफॉल्टर्स पर कार्रवाई न किए जाने पर यूपीपीसीएल के चेयरमैन और एमडी ने नाराजगी जताई है. केस्को के डिवीजनल ऑफिसर अभी तक डिफॉल्टर्स के कनेक्शन कटे होने के दावा कर रहे थे. यूपीपीसीएल के सख्त आदेश के बाद केस्को के आला ऑफिसर्स ने 10 हजार रुपए से अधिक के बकाएदारों की लिस्ट निकालकर विजिलेंस टीम के साथ ज्वाइंट ड्राइव शुरू कराई.
ड्राइव के दौरान डिफॉल्टर्स के यहां छापे से केस्को के डिवीजनल ऑफिसर्स की पोल खुलकर सामने आती जा रही है. केवल पिछले तीन दिनों में दो दर्जन के करीब डिफॉल्टर्स के कटे कनेक्शन जुड़े मिले हैं. इनमें सबसे अधिक 11 डिफाल्टर पराग डेयरी डिवीजन के हैं. इसी तरह रतनपुर व किदवई नगर में क्रमश: 3 व 8 डिफॉल्टर के कटे कनेक्शन जुड़े मिले हैं.
इलाकाई लोगों के मुताबिक कागजों में कनेक्शन कटा होने के कारण डिफॉल्टर कटिया डाल कर बिजली का अधाधुंध इस्तेमाल करते हैं. इससे फॉल्ट अधिक होते हैं और आसपास रहने वालों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है. ये सब कुछ केस्को कर्मियों की मिलीभगत से होता है. सेटिंग-गेटिंग होने पर सबस्टेशन के इम्प्लाई इन डिफॉल्टर्स की तरफ नहीं देखते हैं.
इस बारे में केस्को के पीआरओ सीएसबी अंबेडकर कहते हैं कि डिफॉल्टर्स की लिस्ट तैयार की जा चुकी है. डिफॉल्टर्स के कनेक्शन चेक किए जा रहे हैं. कटा कनेक्शन जुड़ा पाने पर धारा 138 के तहत कार्रवाई की जा रही है. इन्हें जेल की सजा भी हो सकती है.