चकेरी से किया गया था गिरफ्तार
यूपी एटीएस न सितबंर 2018 को चकेरी थानाक्षेत्र स्थित एक मकान से हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी कमरुज्जमा को गिरफ्तार किया था। पकड़ा गया आतंकी आसाम के नौगांव एरिया का रहने वाला है। उसके दो अन्य साथी भी साथ में रहते थे, लेकिन वो पुलिस के हत्थे नहीं लगे। उसका इरादा गणेश चतुर्थी के दौरान हमला करने का था। उसके मोबाइल में कानपुर के कई मंदिरों के वीडियो मिले थे। आंतकी को कश्मीर में ट्रेनिंग मिली थी। कमरुज्जमा के हिजबुल और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों से तार जुड़े होने के तथ्य सामने आए। इसी मामले में कमरुज्जमा को दस दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई थी। जिसके बाद किश्तवाड़ निवासी तीन कारोबारियों के नाम सामने आए।
कारोबारियों ने की थी फंडिग
एनआईए की पूछताछ में आतंकी ने खुलासा किया है कि उसकी मदद किश्तवाड़ के तीन कारोबारियों ने की थी। कमरुज्जमा को असोम से लाने और किश्तवाड़ में उसे दुकान खुलवाने से लेकर रहने की व्यवस्था करने तक में उसकी मदद की थी। कमरुज्जमा तीन माह तक तो किश्तवाड़ में दिखा उसके बाद वह गायब हो गया। इसके बाद उसकी गिरफ्तारी कानपुर से हुई। इस गायब रहने के छह माह के अंतराल में उसने पाकिस्तान में ट्रेनिंग ली थी। कमरुज्जमा की पाकिस्तान की एजेंसी से इन्हीं कारोबारियों ने भेंट कराई थी। जिसके बाद उसकी ट्रेनिंग, रहने खाने की व्यवस्था कराई गई थी। तीनों कारोबारियों के खिलाफ पुख्ता सबूत सामने आने के बाद एनआईए की तरफ से कोर्ट में एनबीडब्ल्यू के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था। जल्द ही एनआईए तीनों को अरेस्ट कर सकती है।
असम में पसारे पांव
असम के जमुनामुख, होजाई निवासी कमरुज्जमा से जुड़े लोगों व स्थानीय पुलिस के मुताबिक यह कपड़ा व्यवसाय के सिलसिले में कश्मीर गया और दोबारा नहीं लौटा। उसकी मां सेहरा खातून व भाई रेहमुद्दीन ने गुमशुदगी लिखाई थी। इसी तरह इलाके के छह लोगों के लापता होने की बात भी सामने आ रही है। ये भी कश्मीर गए, लेकिन लौटे नहीं। कमरे में रहने वाले दो युवक असम से गायब लोगों में शामिल हैं। कमरुज्जमा और इसके अन्य साथियों के बारे में खूफिया एजेंसियों को एनपुट लखनऊ में भी मिले थे। जिसके बाद कईयों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी।