कार्डियोलॉजी में मुफ्त इलाज की सुविधा उन्हीं मरीजों के लिए है, जिनकी वार्षिक आय 36 हजार और खेती 3 एकड़ से कम है। गरीब मरीजों को इसके लिए डॉक्टरों को दिखाना होगा। डॉक्टरों के हिसाब से ही उन्हें इन धनराशि से इलाज के लिए चयनित किया जाएगा। इसमें डॉक्टरों का पैनल मरीज के इकॉनामिक स्टेट्स का पता कर उसे फ्री में इलाज का फैसला करेगा।
संस्थान के निदेशक डॉ. विनय कृष्णा ने बताया कि चुनाव के कारण गरीबों के इलाज की धनराशि फंसी थी पर शासन ने बड़े संस्थानों के साथ कार्डियोलाजी को भी यह धन दिया है। शासन से बजट मिलने से दुर्बल मरीजों को इलाज मिलने का रास्ता साफ हो गया है। धनराशि संस्थान को ट्रांसफर हो गई है। अब इसमें पुराने मरीजों को भी देखा जाएगा जिन्हें सर्जरी की जरूरत है।
हृदय रोग संस्थान में हार्ट की सुपर स्पेशियलिटी कोर्स में सीटों को बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है। एमसीआई की हरी झंडी मिलने के बाद अब संस्थान में सुपर स्पेशियलिटी में 20 सीटें हो जाएंगी। इसके लिए निदेशक ने अपनी तरफ से सचिव स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रस्ताव कर दिया है। इन सीटों की मंजूरी से शहर में आने वाले सालों में हार्ट विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार होंगे। ऐसे में शहर हार्ट रोगों में बड़ा हब भी तैयार हो सकता है। संस्थान में डीएम कार्डियोलाजी की 10 और एमसीएच सीवीटीएस की 5 सीटें हो जाएंगी। डीएम कार्डियक एनेस्थीसिया की पांच सीटों पर पहली बार पढ़ाई होगी। संस्थान निदेशक डॉ. विनय कृष्णा ने सभी सीटों का प्रस्ताव भेजकर इसी सत्र से इनके आवंटन की मांग की है। इसका फैसला केन्द्र व एमसीआई को करना है।