जिले में भारी बारिश के बाद गंदगी व जलभराव से मलेरिया, वायरल बुखार व डायरिया का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। बीमारी नए नए गांवों को अपनी चपेट में ले रही है। आंकड़ो के मुताबिक सरकारी अस्पतालों में बुखार पीड़ितों के रक्त परीक्षण में जहां दो माह में 84 रोगी मलेरिया से पीड़ित पाए गए। वहीं जीएसवीएम मेडिकल कालेज में हुए परीक्षण में सेहू रामपुर के एक किशोर एवं मलासा ब्लाक के अकबरपुर नगर के एक युवक को डेंगू की पुष्टि हुई। इसके बाद से जहां मरीजों में दहशत व्याप्त हुई, वहीं स्वास्थ्य महकमे में भी खलबली मची हुई है। वहीं लगातार हो रही मौतों के बावजूद जिम्मेदारों के गंभीर न होने से बीमारी उग्र रूप ले रही है। बीते दिन अकबरपुर के नयागंज मोहल्ले के रहने वाले 45 वर्षीय चोखेलाल की बुखार की चपेट में आने से मौत हो गई। उनके पुत्र रंजीत ने बताया कि वह 3-4 दिन से बुखार से पीड़ित थे और फिर आज उनका निधन हो गया। इसके बाद परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
डॉक्टर एपी वर्मा डिप्टी सीएमओ व संक्रामक रोग प्रभारी ने बताया कि बीमारी नियंत्रण के लिए जिला स्तर पर एक व ब्लाक स्तर पर दस रैपिड रिस्पांस टीमें गठित हैं। गांवों में टीमें भेजकर मरीजों का इलाज कराया जा रहा है। 93 गांवों व मलेरिया विभाग द्वारा चिन्हित 150 संवेदनशील गांवों में पैनी नजर रखी जा रही है। बीमारी से मरने वालों की रिपोर्ट जिले को उपलब्ध नहीं है। इन मौतों का सत्यापन कराने के बाद अग्रिम कार्रवाई होगी।