दरअसल कानपुर देहात के रूरा थानाक्षेत्र के भटौली निवासी वारेलाल की अगस्त 2017 में हत्या हो गई थी। इसके बाद उसका सिर कटा शव कटेही में बाजरे के खेत में फेंका गया था। किसानों को एक माह बाद जब शव दिखाई दिया तब पुलिस को घटना की जानकारी दी थी। इसके बाद शव का अज्ञात में अंतिम संस्कार हुआ था। इधर वैज्ञानिक पद्धति से हुई छानबीन में पुलिस ने 31 सितंबर को जनपद औरैया के दिबियापुर के दहू कंचौसी निवासी सोनू कुशवाहा उर्फ राजवीर को दबोच लिया था। पूंछतांछ में उसने कटेही गांव के मूल निवासी व मौजूदा समय में रोशनमऊ रूरा में रह रहे बबलू कठेरिया संग मिलकर वारेलाल की हत्या करने की बात को कबूल किया था।
सक्रिय हुई पुलिस ने फरार बबलू कठेरिया को बीते सप्ताह 6 अक्टूबर को मुंगीसापुर में बलाई मोड़ पर गिरफ्तार कर लिया। हालांकि उसका साथी कंचौसी निवासी शातिर अंशू चकमा देकर भाग निकला। अब पुलिस बबलू कठेरिया को तीन दिन की रिमांड पर लेकर पूंछतांछ कर रही है। एक वर्ष पुराने हत्याकांड में वारेलाल का सिर या उसके अवशेष नहीं मिलने पर पुलिस ने अब वारेलाल के हड्डी नमूना का डीएनए कराने का फैसला लिया है। विवेचना कर रहे एसएसआइ अरुण कुमार ने बताया कि अज्ञात में अंतिम संस्कार होने पर वारेलाल की हड्डी नमूना संकलित किया गया था। अब हड्डी के डीएनए का मिलान उसके भाई रजपाल के रक्त नमूना से होगा। जल्द ही रजपाल का रक्त नमूना संकलित किया जाएगा।