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अवैध रूप से चल रहे बारा टोल के विरोध में व्यापारियों का आंदोलन, सत्ताधारियों पर भारी पड़ रहा प्लाजा प्रशासन

locationकानपुरPublished: Apr 27, 2018 03:42:04 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

अवैध रूप से चल रहे बारा टोल के विरोध में व्यापारियों का आंदोलन, सत्ताधारियों पर भारी पड़ रहा प्लाजा प्रशासन

kanpur dehat
कानपुर देहात. कानपुर नगर व देहात के राहगीरों के लिए नासूूूर बने कानपुर देेेहात के बारा जोड़ टोल प्लाजा की सुलगती चिंगारी एक बार फिर से बाहर आ गई है और इस बार बारा जोड़ टोल प्लाज़ा की अगुवाई का ज़िम्मा कानपुर देहात के व्यापारियों ने उठाया है। दरअसल व्यापारियों का कहना है कि बारा जोड़ टोल प्लाज़ा फर्जी तरीके से चल रहा है। साथ में स्थानीय विधायक और एमएलसी साहब भी कह रहे है। जनपद के सांसद भी टोल प्लाज़ा को फर्जी टोल प्लाज़ा बता रहे है। फिर आखिर क्या वजह है कि टोल प्लाज़ा फर्जी तरीके से लोगो से धन उगाही कर रहा है और प्रशासन फिर भी मौन है या यूं कहा जाए कि योगी सरकार से ज़्यादा ताकतवर है टोल प्लाज़ा प्रशासन।
व्यापारियों के साथ भाजपा के ये नेता भी रहे शामिल

लंबे अरसे से कानपुर देहात का बारा जोड़ टोल प्लाज़ा चर्चा का विषय बना हुआ है। इस प्लाजा से गुजरने वाले कानपुर देहात और कानपुर नगर के लोग परेशान है। क्योंकि कुछ दूरी का सफर तय करने पर भी उन्हें टोल टैक्स के रूप में मोटी रकम चुकानी पड़ती है। लिहाज़ा कानपुर देहात के व्यापारियों ने टोल प्लाज़ा के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस दरमियान बीजेपी विधायक अकबरपुर प्रतिभा शुक्ला और भोगनीपुर विधायक विनोद कटियार सहित बीजेपी से एमएलसी विजय बहादुर सिंह भी प्रदर्शन में शामिल हुए है। टोल पर प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों का कहना था कि जनता कुछ किलोमीटर का सफर तय करती है लेकिन टोल उससे अनंतराम टोल प्लाज़ा से चकेरी तक का टोल देना पढता है, जो गलत है और नीति आयोग ने भी इस टोल प्लाज़ा को गलत ठहराया है।
एमएलसी बोलने से कतराते रहे

इस दरमियान धरने में शामिल होने आये भाजपा के सदस्य विधान परिषद विजय बहादुर पाठक से हमने बात करनी चाही तो वो कुछ भी कहने से बचते नजर आये और बाते बनाकर निकल गए। वही भोगनीपुर विधानसभा से बीजेपी विधायक विनोद कटियार खासी मशक्कत के बाद बोले कि टोल पर विचार किया जाएगा। बताते चले कि अकबरपुर सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने लगभग 2 साल पहले टोल को लेकर धरना दिया था तो उन्होंने कहा सांसद जी ने निश्चित केंद्रीय मंत्री नितिन गडगरी जी से बात की होगी और आने वाले समय में टोल माफ़ कराने की पूरी कोशिश की जाएगी। विधायक विनोद कटियार ने स्वीकार किया कि टोल फर्जी है और उन्होंने कहा कि जल्द ही हम लोग ये बाते शीर्ष स्तर तक पहुचाएंगे और इस पर जल्द फैसला लिया जाएगा।
राहगीर बोल उठे मिलती है धमकी

वहीं राहगीरों से बात की तो उन्होंने बताया कि आखिर टोल प्लाज़ा किस तरह इन पर सितम ढाता है। एक ट्रैक्टर चालक सरकार का प्रचार प्रसार करते नहीं थक रहा है कि कृषि में उपयोग होने वाले वाहन टोल मुक्त है लेकिन ये बारा जोड़ टोल प्लाज़ा है साहब, अगर इस टोल से गुज़रना है तो ट्रैक्टर का भी टोल देना पडेगा। वरना टोल प्लाज़ा पर तमाम सुरक्षा गार्ड तो मौजूद ही है, ऐसी ही कुछ धमकियां इनको आये दिन मिलती रहती है।
देश का सबसे महंगा टोल प्लाजा है ये

दरअसल ये टोल प्लाज़ा को नेशनल हाइवे-2 पर होना चाहिए था यानि कानपुर दिल्ली मार्ग पर ये टोल होना चाहिए था। मतलब जो नेशनल हाइवे-2 पर जो वाहन चलाएगा, वो टोल देने का हकदार है लेकिन टोल प्रशासन ने बड़ी ही चालाकी से जगह बदल कर ये टोल बारा जोड़ पर लगा दिया। अब चाहे आप नेशनल हाइवे 2 पर सफर करे या एनएच-25 पर जो कानपुर झांसी मार्ग है, आपको टोल अवश्य देना होगा। यही वजह है कि राहगीर परेशान होते है और ख़ास बात यह है कि देश का सबसे महंगा टोल प्लाज़ा है।
कानपुर देहात पहले नगर का हिस्सा था

बताते चलें कि दूरी के हिसाब से कानपुर देहात कभी कानपुर नगर का ग्रामीण हिस्सा हुआ करता था। लिहाज़ा अलग जिला बन जाने के बाद तमाम लोगो का निवास कानपुर और व्यापार कानपुर देहात में है। यही हालात सरकारी नौकरी करने वालो के लिए भी है, वो रहते कानपुर नगर में है, जबकि नौकरी कानपुर देहात में करते है। लिहाज़ा रोज़ रोज़ टोल देना उनके लिए मुश्किल है और उनका बजट भी बिगड़ रहा है।
सांसद भोले सिंह ने उठाया था पहले ये मुद्दा

सबसे पहले टोल टैक्स को ख़त्म करने के लिए कानपुर देहात के बीजेपी सांसद देवेन्द्र सिंह भोले ने आवाज़ बुलंद की थी। उन्होंने ये मुद्दा लगभग 2 साल पहले लोक सभा में उठाया था। फिर टोल प्लाज़ा पर धरना दिया था। टोल प्लाज़ा पर बीजेपी नेताओ का हुजूम लग गया। लिहाज़ा परिणाम ये आया कि सांसद देवेन्द्र सिंह भोले ने एलान किया कि महज़ कुछ दिनों में UP 77 और UP 78 यानि कानपुर देहात और कानपुर नगर की गाड़िया टोल फ्री हो जाएंगी और टोल प्लाज़ा हटकर मानक के अनुरूप सही स्थान पर लगाया जाएगा लेकिन 2 साल गुज़र गए जनता के लिए ये ख्वाब ही बनकर रह गया।

बहरहाल तमाम मशक्कतों और विरोध के बावजूद टोल चल रहा है, जबकि देश में और सूबे में बीजेपी की सरकार है और बीजेपी नेता विधायक कार्यकर्ता सभी टोल को गलत बता रहे है। तमाम शिकायते हो रही है लेकिन टोल अपनी जगह कायम है और धड़ल्ले से वसूली कर रहा है। वहीं सरकार सहित बीजेपी मुलाज़मीन ठेंगा दिखा रहा है
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