तीन घंटे बाधित रहा यातायात
गोविंदपुरी से सेंट्रल स्टेशन के लिए खींच कर लाया जा रहा इंजन जुही के खलावा पुल के पास बेपटरी हो गया। नार्थ साउथ लाइन पर ट्रैक से उतरे इंजन को दोबारा ट्रैक पर लाने का काम शुरू कर दिया गया। तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे दूसरे ट्रैक पर ले जाया गया। तब कहीं झांसी समेत अन्य रूटों पर ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ। इंजन के ट्रैक से उतरने पर चार दर्जन ट्रेनों का आउटर के अलावा सेंट्रल स्टेशन पर रोका गया। तीन घंटे तक ट्रेनों में सवार यात्री गर्मी और उमस के चलते परेशान दिखे। राप्ती सागर के यात्री बोगियों से नीचे उतर आए और हंगामा करने लगे। जिन्हें रेलवे के अधिकारियों के अलावा जीआरपी के जवानों ने शांत कराया।
खड़ी रही तूफान
इंजन के पटरी से उतर जाने के चलते तूफान एक्सप्रेस के आउटर पर रोक दिया गया। यात्री बागियों से नीचे उतर आए और इंजन के हटने का इंतजार करते रहे। ट्रैक बाधित होने के चलते जुही यार्ड की चारों लाइनों पर ट्रेनों का संचालन बंद रहा। रेलवे के डज्ञॅयरेक्टर जीतेंद्र सिंह ने बताया कि इंजन के पटरी से उतर जाने के चलते यहां से गुजरने वाली राप्ती सागर, हावड़ा एक्सप्रेस, झांसी पैसेंजर, मुम्बई-लखनऊ एसी एक्सप्रेस और इटावा पैसेंजर सहित 42 ट्रेनों का संचालन करीब तीन घंटे तक बाधित रहा। इसी के कारण इस रूट की मालगाड़ियों के अलावा दिल्ली रूट की भी ट्रेनों को पंद्रह से बीस मिनट तक खड़ा रहना पड़ा।
इसके चलते उतरा इंजन
इटारसी डीजल इंजन को बरेली से दूसरे इंजन में टोचिंग करा कर लखनऊ ले जाया जा रहा था। एक अगस्त की शाम को जुही यार्ड में इसे सही नहीं किया गया। इसी के बाद इस इंजन को दोबारा गंगा-जमुना एक्प्रसेस पर लगाया गया। यह इंजन भरथना स्टेशन के पास बीती रात फेल हो गया। इस इंजन को खींचकर कानपुर लाने के बाद लखनऊ ले जाना था। पर एकाएक वो ट्रैक से उतर गया। रेलवे की इस लारवाही की खामियाजा सैकड़ों मुसाफिरों को उठाना पड़ा। लोग रेलवे स्टेशन में ट्रेनों का इंतजार करते रेह तो वहीं, जो बागियों में सवार थे, वह बाहर निकल आए।